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राजस्थान के कॉलेज में 14 छात्रों पर हुई कार्यवाही, जानें क्या हैं पूरा मामला 

बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में  8 सीनियर छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित किया गया है, जबकि गलती स्वीकारने पर 6 छात्राओं को चेतावनी पत्र देकर छोड़ा गया है. कॉलेज प्रशासन ने एक एंटी-रैगिंग कमेटी का गठन कर मामले की जांच की, जिसमें सभी पीड़ित और आरोपियों की गवाही सुनी गई. बैठक में छात्रों के पक्षों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया.प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि सीनियर छात्र जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग कर रहे हैं. हालांकि, पीड़ित नाम बताने में हिचकिचा रहे थे
 
राजस्थान के कॉलेज में 14 छात्रों पर हुई कार्यवाही, जानें क्या हैं पूरा मामला

Rajasthan News: बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में  8 सीनियर छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित किया गया है, जबकि गलती स्वीकारने पर 6 छात्राओं को चेतावनी पत्र देकर छोड़ा गया है. कॉलेज प्रशासन ने एक एंटी-रैगिंग कमेटी का गठन कर मामले की जांच की, जिसमें सभी पीड़ित और आरोपियों की गवाही सुनी गई. बैठक में छात्रों के पक्षों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया.प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि सीनियर छात्र जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग कर रहे हैं. हालांकि, पीड़ित नाम बताने में हिचकिचा रहे थे

 लेकिन जब प्रशासन ने भरोसा दिलाया, तो उन्होंने सीनियर छात्रों के नाम बताए. कुछ छात्राओं ने बताया कि उन्हें धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने रैगिंग की शिकायत की, तो उन्हें कॉलेज के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने से रोका जाएगा.जांच में पता चला कि एक सीनियर छात्राओं के ग्रुप ने जूनियर छात्राओं को गर्ल्स हॉस्टल में बुलाकर रैगिंग की थी. पीड़ित छात्राओं से बातचीत के दौरान कुछ छात्राएं रो पड़ीं और लिखित में रैगिंग करने वाले छात्रों के नाम दिए. पहले तो सभी आरोपी छात्राओं ने रैगिंग की बात को नकारा

लेकिन सख्त कार्रवाई की चेतावनी मिलने पर उन्होंने अपनी गलती मान ली. इसके बाद सभी 6 छात्राओं को चेतावनी पत्र जारी किया गया.दो सीनियर छात्रों का एक वीडियो सामने आया जिसमें वे रैगिंग करते हुए देखे गए थे. वीडियो और तस्वीरों के आधार पर इन दोनों छात्रों को दो महीने के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया गया. साथ ही 6 अन्य छात्रों को 15 दिन के लिए हॉस्टल से निलंबित किया गया है.इस मामले में कॉलेज प्रशासन ने एंटी-रैगिंग कमेटी का गठन किया, जिसमें प्राचार्य, सहायक प्राचार्य, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. इस कमेटी ने पूरे मामले की जांच की और सुनिश्चित किया कि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कॉलेज परिसर में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.