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राजस्थान में बांस की खेती से किसान भी होंगे मालामाल! बीकानेर में शुष्क क्षेत्रों में बांस की खेती पर हो रहा शोध

राजस्थान के बीकानेर स्थित स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में शुष्क और कठोर जलवायु में बांस की खेती पर गहन शोध हो रहा है। यह शोध राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य बांस की वृद्धि और उत्पादन की संभावनाओं का अध्ययन करना है। इस शोध परियोजना का नेतृत्व कुलपति डॉ. अरुण कुमार कर रहे हैं, और इसका कुल बजट 47 लाख रुपये है।
 
राजस्थान में बांस की खेती से किसान भी होंगे मालामाल! बीकानेर में शुष्क क्षेत्रों में बांस की खेती पर हो रहा शोध

Bamboo Cultivation: राजस्थान के बीकानेर स्थित स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में शुष्क और कठोर जलवायु में बांस की खेती पर गहन शोध हो रहा है। यह शोध राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य बांस की वृद्धि और उत्पादन की संभावनाओं का अध्ययन करना है। इस शोध परियोजना का नेतृत्व कुलपति डॉ. अरुण कुमार कर रहे हैं, और इसका कुल बजट 47 लाख रुपये है।

परियोजना जानकारी 

शोध परियोजना: राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत शुरू
परियोजना नेतृत्व: डॉ. अरुण कुमार, कुलपति
बजट: 47 लाख रुपये
बांस की प्रजातियां: 11 प्रजातियां, 200 पौधे
लाए गए स्थान: नवसारी कृषि विश्वविद्यालय (गुजरात), भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (देहरादून)

बांस की खेती के लाभ

शुष्क जलवायु में बांस की खेती से किसानों के लिए नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
बांस से बने हस्तशिल्प, फर्नीचर, और अन्य उत्पाद किसानों के लिए आय का अच्छा स्रोत बन सकते हैं। बांस प्रदूषण कम करने और जल स्तर बढ़ाने में सहायक होता है।