भोपाल मास्टर प्लान की आपत्तियों की सुनवाई पूरी, फटाफट जाने पूरा मामला
Bhopal Master Plan-2031: भोपाल मास्टर प्लान-2031, भोपाल शहर के विकास की राह में महत्वपूर्ण योजना है, लेकिन इसके अंतर्गत हुई 3005 आपत्तियों का समाधान मास्टर प्लान के दौरान होने वाले सुनवाइयों में एक महत्वपूर्ण पहलू है। यहाँ पर हम आपको बताएंगे कि क्या हैं ये आपत्तियां और क्यों हो रहा है इस पर हंगामा।
भोपाल मास्टर प्लान-2031: आपत्तियां क्या हैं?
भोपाल मास्टर प्लान-2031 का ड्राफ्ट 2 जून को सरकार ने जारी किया था और ड्राफ्ट जारी होने के 30 दिन के अंतर में कुल 3005 आपत्तियां और सुझाव मिले। इन आपत्तियों की सुनवाई छह चरणों में हुई, जिसमें प्रथम चरण से लेकर छठवां चरण तक कई सुनवाइयां आयोजित की गई।
सुनवाई में हुआ हंगामा
मंगलवार को सुनवाई का आखिरी दिन था, लेकिन सुनवाई के दौरान हुआ हंगामा ने इसे अधूरा छोड़ दिया। हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा और कांग्रेस नेता नरेश ज्ञानचंदानी समेत किसानों ने कृषि भूमि को कैचमेंट एरिया में शामिल करने समेत कई बिंदुओं पर नाराजगी जताई। इसके कारण सुनवाई बंद हो गई।
आपत्तियों का महत्व
इन आपत्तियों का समाधान मास्टर प्लान के विकास में महत्वपूर्ण है। किसानों की आपत्ति के बारे में ध्यान से सोचना आवश्यक है, क्योंकि उनके जीवनों पर इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
क्या हैं आपत्तियां?
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कैचमेंट से मुक्त की जाए लालघाटी से फंदा सीहोर रोड तक की कृषि भूमि: किसानों के खेतों को कैचमेंट एरिया में शामिल करने का प्रस्ताव कई लोगों के खिलाफ है। यह अवैध निर्माण को बढ़ावा दे सकता है और विकास को प्रभावित कर सकता है।
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तालाबों का संरक्षण: किसानों का विरोध इस बात के लिए है कि अब कैचमेंट से लगी हुई कृषि भूमि को पूरी तरह से कैचमेंट में शामिल किया जा रहा है, जबकि पहले की योजना में तालाब से महज 50 मीटर तक ही कैचमेंट एरिया था।
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पेस्टिसाइड का उपयोग: कृषि भूमि को कैचमेंट में शामिल करने से खेती में पेस्टिसाइड का ज्यादा उपयोग हो रहा है, जिससे तालाबों को जहरीला पानी मिल सकता है।
कैचमेंट के प्रावधान: विरोध और समाधान
कैचमेंट से मुक्त की जाए जमीनों के प्रावधानों पर विवाद हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही तालाबों का संरक्षण भी महत्वपूर्ण है। सही तरीके से प्लानिंग करके, तालाबों का संरक्षण करते हुए विकास को आगे बढ़ाना चाहिए।
किसानों की आपत्तियों को समझें और उनके साथ सहयोग करें।
- कैचमेंट के प्रावधानों को संविदानिक रूप से बदलने के लिए सरकार को प्रोत्साहित करें।
- विकास के साथ तालाबों का संरक्षण भी महत्वपूर्ण है, इसे ध्यान में रखें।
