Khelorajasthan

हरियाणा में Family ID को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा, अपनी आय घटाने के लिए 6 हजार लोगों ने लिया नकली तलाक

 
 
Family Identity Card

Haryana News: हरियाणा में फैमिली आईडी से छेड़छाड़ के एक मामले में पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोर्ट में चालान दायर किया है। इसमें लगभग 6,000 पारिवारिक पहचान पत्रों को विभाजित करने का आधार तलाक बताया गया है। बिल में कहा गया है कि लगभग 6,000 दम्पतियों ने फर्जी तलाक के दस्तावेज संलग्न करके अपने परिवार पहचान पत्र में अपना नाम अलग करवा लिया था।

अदालत में पेश किए गए चालान के अनुसार, कई मामलों में, परिवार के पहचान पत्र में नाम अलग करवाने के लिए फर्जी तलाक के कागजात या सादे कागजात संलग्न करके पहले परिवार के सदस्य को अलग कर दिया गया। फिर दूसरे सदस्य को भी पहले किसी अन्य परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया। बाद में उन्हें नए परिवार पहचान पत्र में जोड़ दिया गया। कई मामलों में तो एक ही परिवार के सदस्य का नाम कई परिवार पहचान पत्रों में दर्ज है।

UP से हरियाणा वासियों के लिए गुड न्यूज! इन गांवों के बीच से निकलेगा ये एक्सप्रेसवे, लोगों को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी

5 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं पीपीपी छेड़छाड़ मामले में पुलिस ने अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कई अन्य लोग भी रडार पर हैं। इनमें एसएससी ऑपरेटर, पंथ पंचायत स्तर के ऑपरेटर और स्थानीय समिति स्तर के ऑपरेटर शामिल हैं।

हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू, गवर्नर ने कहा हिसार एयरपोर्ट से जल्द उड़ान भरेंगे जहाज, जानें पूरी डिटेल

जांच से पता चला है कि पूरा रैकेट हरियाणा में चल रहा था। कई लोगों के परिवार पहचान पत्र, विशेषकर रोहतक, झज्जर और सिरसा में, विभाजित कर दिए गए। पुलिस के अनुसार, इस मामले में जिन लोगों के पहचान पत्र बदले गए हैं, उनके परिवार सरकारी गवाह बनने को तैयार हैं। करीब 10 लोगों को सरकारी गवाह बनाया गया है।

आरोपी गीता ने जमानत याचिका दायर की परिवार पहचान पत्र से छेड़छाड़ मामले में गिरफ्तार आरोपी गीता ने अदालत में जमानत याचिका दायर की है। सुनवाई 10 मार्च को होगी। इससे पहले आरोपी गीता ने जमानत के लिए आवेदन किया था लेकिन पुलिस की ओर से ठोस सबूत मिलने के कारण उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

पीपीपी के राज्य समन्वयक डॉ. सतीश खोला ने बताया कि झज्जर में मामला प्रकाश में आने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस घटना के बाद, हमने एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क प्रणाली लागू की है।

ओटीपी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकेगा और अधिकारी निर्धारित स्थान पर ही काम कर सकेंगे। इस प्रणाली के बाद आप लैपटॉप को किसी अन्य स्थान पर ले जाकर पीपीपी कार्य नहीं कर सकेंगे। आप जहां भी बैठेंगे, काम कर सकेंगे। हमारी प्रणाली पहले से ही ठीक थी। अब इसे और मजबूत कर दिया गया है।