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बिहार को मिली नए एक्सप्रेसवे की सौगात जल्द ही कार्य होगा शुरू, देखें रुट व कनेक्टिविटी

बिहार का आमस दरभंगा एक्सप्रेस-वे एक चार लेन वाला एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे है. यह एक्सप्रेस-वे गया के बौद्ध तीर्थस्थल आमस से शुरू होकर दरभंगा जिले के नवादा गांव में खत्म होता है. इसकी लंबाई 189 किलोमीटर है. यह एक्सप्रेस-वे, अरवल, जहानाबाद, पटना, वैशाली और समस्तीपुर जैसे सात जिलों से होकर गुजरता है. 
 
बिहार को मिली नए एक्सप्रेसवे की सौगात जल्द ही कार्य होगा शुरू, देखें रुट व कनेक्टिविटी

Bihar Exspressway : बिहार का आमस दरभंगा एक्सप्रेस-वे एक चार लेन वाला एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे है. यह एक्सप्रेस-वे गया के बौद्ध तीर्थस्थल आमस से शुरू होकर दरभंगा जिले के नवादा गांव में खत्म होता है. इसकी लंबाई 189 किलोमीटर है. यह एक्सप्रेस-वे, अरवल, जहानाबाद, पटना, वैशाली और समस्तीपुर जैसे सात जिलों से होकर गुजरता है. 

इसे एनएच-119-डी और गया- दरभंगा एक्सप्रेस-वे के नाम से भी जाना जाता है. इस एक्सप्रेस-वे का मकसद, उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच यात्रा को आसान बनाना है.यह एक्सप्रेस-वे, बिहार के पर्यटन को बढ़ावा देगा और बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण चार खंडों में हो रहा है. इसकी अनुमानित लागत करीब 6,927 करोड़ रुपये है. 

इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है.आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे का उद्देश्य स्थानीय किसानों और व्यवसायों को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचाना है, जिससे बिहार की आर्थिक वृद्धि में योगदान मिलेगा. नॉर्थ बिहार और साउथ बिहार के बीच दूरी घटने से इस रूट पर कम समय में माल लाना और ले जाना बेहद आसान हो जाएगा. 

आमस एक्सप्रेसवे के लिए 56 गांवों में लगभग 1300 एकड़ भूमि अधिग्रहण की गई है. अमास दरभंगा एक्सप्रेसवे में पूरे बिहार में आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं. इस सड़क के बन जाने से बिहार के कुल 19 शहरों को कई तरह से लाभ होने की संभावना है, जिसमें व्यापार गतिविधियों में वृद्धि, नौकरी के अधिक अवसर और बेहतर सड़क कनेक्टिविटी शामिल है.