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हरियाणा में भाजपा पार्टी के कार्यकर्ताओं की लॉबिंग, इन 5 जातियों के लोगों ने ठोका दावा 

हरियाणा में कृष्णलाल पंवार के इसराना से विधायक बनने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए अब कई नेता अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, खासकर SC कोटे से होने वाली सीट के लिए। भाजपा के अंदर इस सीट को लेकर चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि पार्टी ने इस सीट के लिए विभिन्न वर्गों और समुदायों के नेताओं से विचार-विमर्श करना शुरू कर दिया है।
 
हरियाणा में भाजपा पार्टी के कार्यकर्ताओं की लॉबिंग, इन 5 जातियों के लोगों ने ठोका दावा

Haryana News : हरियाणा में कृष्णलाल पंवार के इसराना से विधायक बनने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए अब कई नेता अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, खासकर SC कोटे से होने वाली सीट के लिए। भाजपा के अंदर इस सीट को लेकर चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि पार्टी ने इस सीट के लिए विभिन्न वर्गों और समुदायों के नेताओं से विचार-विमर्श करना शुरू कर दिया है।

कुलदीप बिश्नोई

कुलदीप बिश्नोई, जो पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बेटे हैं, भाजपा में 2022 में शामिल हुए थे और तब से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। वह पहले विधायक और सांसद रह चुके हैं, और उनकी पत्नी और बेटा भी विधायक रह चुके हैं। बिश्नोई के पास राजस्थान और हरियाणा में बिश्नोई वोटरों का अच्छा समर्थन है, और पार्टी ने उन्हें चुनाव कैंपेन समिति का प्रदेश संयोजक भी बनाया था। इनकी राजनीतिक पकड़ और परिवारिक पृष्ठभूमि को देखते हुए बिश्नोई एक मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।

सुनीता दुग्गल

सुनीता दुग्गल भाजपा की एक प्रमुख दलित नेता हैं। वह सिरसा से भाजपा के टिकट पर लोकसभा सांसद रह चुकी हैं और दलित समुदाय में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2024 में रतिया से विधानसभा चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। चूंकि खाली हुई राज्यसभा सीट एससी कोटे से है, इसलिए सुनीता दुग्गल इस सीट के लिए प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं।

मोहन लाल बड़ौली

मोहन लाल बड़ौली भाजपा के बड़े ब्राह्मण चेहरे हैं और उन्होंने हरियाणा में संगठन को मजबूती प्रदान की है। वह लोकसभा सांसद रह चुके हैं और विधानसभा चुनावों में पार्टी को बहुमत दिलाने में उनका योगदान अहम था। हालांकि, लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, लेकिन पार्टी के लिए उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। उनकी ब्राह्मण समुदाय में अच्छी पकड़ को देखते हुए उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनने की संभावना है।

संजय भाटिया

संजय भाटिया पंजाबी समुदाय से आते हैं और करनाल से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। 2024 में वह अपनी सीट छोड़ने के बाद संगठन के लिए लगातार काम करते रहे हैं। हाल ही में वह नायब सैनी के शपथ ग्रहण समारोह के मुख्य संयोजक रहे थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। उनकी उपेक्षा के बावजूद संगठन में उनकी पकड़ को देखते हुए उन्हें राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में देखा जा सकता है।

सुदेश कटारिया

सुदेश कटारिया ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में दलितों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई थी। लोकसभा चुनाव में दलित वोटों के छिटकने के बाद, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कटारिया को दलित फेस के रूप में उतारा था, और उनकी मेहनत का अच्छा परिणाम भी मिला था। कटारिया के दलित समुदाय में मजबूत समर्थन के कारण उन्हें राज्यसभा सीट का उम्मीदवार बनाये जाने की संभावना है।

जाट नेताओं की दावेदारी

इसके अलावा, ओपी धनखड़ और कैप्टन अभिमन्यु जैसे बड़े जाट चेहरे भी राज्यसभा सीट के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। हालांकि, इन दोनों का दावा कमजोर माना जा रहा है, क्योंकि भाजपा ने इस साल पहले ही एक जाट नेता सुभाष बराला को राज्यसभा भेजा है। इसलिए, दोनों नेताओं की दावेदारी में यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा हो सकता है।

भाजपा ने राज्यसभा सीट के लिए दावेदारों के बीच बहुत से नामों पर विचार किया है, और यह देखा जाएगा कि पार्टी इस सीट पर किसे उतारने का निर्णय लेती है। फिलहाल, पार्टी चुनाव आयोग की घोषणा का इंतजार कर रही है, और यह भी संभव है कि सीट के लिए नामों पर अंतिम फैसला तब लिया जाएगा।