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फरीदाबाद शहर में चलाया बुलडोजर, खाली कराई 261 एकड़ जमीन

हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. 
 
फरीदाबाद शहर में चलाया बुलडोजर, खाली कराई 261 एकड़ जमीन

Haryana News : हरियाणा सरकार ने एक बार फिरसे फरीदाबाद में 240 अवैध निर्माणों को गिराकर 261 एकड़ जमीन को खाली कराया है. फरीदाबाद के वन विभाग ने अहले चेतावनी देकर उसके बाद ये कार्य समाप्त किया हैं. 

आपको बता दे की  यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों के तहत वन क्षेत्र में किए गए निर्माणों को हटाने के पहले चरण के तहत हुई है. इस चरण में अनंगपुर, अनखीर, लक्कड़पुर और मेवला महाराजपुर गांवों में स्थित निर्माणों को हटाया गया. कार्रवाई की रिपोर्ट वन विभाग ने सरकार को सौंप दी है. 

इस मामले में सितंबर के पहले सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.हरियाणा टूरिज्म और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए निर्माणों को लेकर भी वन विभाग ने नोटिस जारी किया है. जानकारी के अनुसार, अरावली क्षेत्र के इन चारों गांवों में करीब 786.26 एकड़ भूमि पर फैले 6,793 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए हैं जो वन विभाग की सीमा में आते हैं. पहले चरण में फार्म हाउस, बैंक्विट हॉल, मैरिज गार्डन और व्यावसायिक उपयोग के निर्माणों को हटाया गया है. 

वन विभाग ने लगभग एक तिहाई हिस्से की जमीन को खाली करा लिया है.मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एचएसवीपी ने पहले ही फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट के तहत फॉरेस्ट विभाग की अधीन करीब 10 एकड़ भूमि पर कार्रवाई की योजना बना ली थी. इस जमीन पर ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी और जिमखाना क्लब बने हुए हैं. इन्हें वन विभाग के दायरे से बाहर करने के लिए एचएसवीपी ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को आवेदन भेजा था. 

प्रस्ताव है कि बदले में एचएसवीपी वन विभाग को उतनी ही जमीन देगा.वन विभाग की योजना के अनुसार, दूसरे चरण में मंदिर, गौशाला और आश्रम, तीसरे चरण में पुराने सरकारी निर्माण, जबकि चौथे चरण में शैक्षणिक स्थलों पर कार्रवाई की जाएगी. अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट अधिकारियों द्वारा सरकार को सौंप दी गई है. गुरुग्राम डिवीजन के कंजरवेटर सुभाष यादव ने बताया कि अरावली में वन विभाग की जमीन पर किए गए अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई जारी रहेगी और आवश्यकता पड़ने पर आगे भी इसे जारी रखा जाएगा.