राजस्थान में सर्दी ने दी दस्तक घटने लगा पारा, देखें आज के मौसम की ताजा अपडेट
Rajatshan News : राजस्थान में शुष्क मौसम बना हुआ है, लेकिन बीकानेर समेत कुछ जिलों में हल्के से मध्यम कोहरे का प्रभाव देखने को मिला। अब दिन में गर्मी का असर कम हो गया है, और लोग गुलाबी ठंड का अहसास कर रहे हैं। सुबह और शाम हल्की ठंड से लोग गर्म कपड़े पहनने लगे हैं।मौसम विज्ञान केंद्र (Meteorological Center), जयपुर के अनुसार, बीकानेर संभाग में हल्के से मध्यम कोहरे की संभावना है। हवाओं में नमी बढ़ने से गुलाबी ठंड का अहसास भी बढ़ सकता है।
तापमान में गिरावट के साथ, सर्दी के शुरुआती संकेत मिल रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में ठंडक और बढ़ने की उम्मीद है।लोगों ने पहले ही गर्म कपड़े निकालना शुरू कर दिया है, हालांकि अभी तक कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल सर्दी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकती है (This year’s winter may reach record levels)। कोहरे के बढ़ने से तापमान में और गिरावट आ सकती है, जिससे आने वाले दिनों में ठंड का प्रकोप बढ़ने की आशंका है।पिछले 24 घंटों में, राजस्थान में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा और बारिश की कोई गतिविधि नहीं हुई।
सिरोही में न्यूनतम तापमान 12.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज (Minimum temperature recorded in Sirohi was 12.2 degrees Celsius) किया गया जबकि बाड़मेर में सर्वाधिक 36.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कई अन्य जिलों में भी न्यूनतम तापमान 12-15 डिग्री के बीच रहा। अजमेर, भीलवाड़ा, सीकर, माउंट आबू और फतेहपुर जैसे इलाकों में भी ठंड का असर दिखाई दिया है।मौसम विभाग के अनुसार, पूर्वी राजस्थान में मौसम शुष्क रहेगा जबकि पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर संभाग में हल्के से मध्यम कोहरे की संभावना है।
18 नवंबर तक राज्य के सभी हिस्सों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है और मौसम विभाग ने किसी भी हिस्से के लिए कोई विशेष चेतावनी जारी नहीं की है।राजस्थान में 19 नवंबर से सर्दी का असर बढ़ने की उम्मीद है। माउंट आबू का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस (Mount Abu temperature 10 degrees Celsius) तक पहुंच गया है और श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता (Air Quality Index) 282 रिकॉर्ड की गई, जो खराब मानी जा रही है।
कोहरे और स्मॉग का प्रभाव बीकानेर और श्रीगंगानगर में देखने को मिला है।मौसम विभाग के अनुसार, 14 नवंबर से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस सक्रिय होगा, जिससे इन क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। इसका प्रभाव उत्तर और मध्य भारत के राज्यों पर पड़ेगा और सर्दी का प्रकोप बढ़ेगा।