यूपी की सामूहिक विवाह योजना में विवाद ! कैसे फर्जी लाभार्थी उठा रहे हैं फायदा? जानें....
UP News: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों की बेटियों को विवाह के समय आर्थिक सहायता प्रदान करना है। हालांकि, इस योजना में फर्जी लाभार्थियों द्वारा गलत तरीके से लाभ उठाने के मामले सामने आ रहे हैं, जिससे योजना विवादों में घिर गई है।
क्या है सामूहिक विवाह योजना?
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल 2024 की शुरुआत में इस योजना की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों की बेटियों को विवाह के समय आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, सरकार द्वारा 51,000 रुपये की आर्थिक मदद सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है।
योजना के लिए पात्रता मानदंड
सामूहिक विवाह योजना का लाभ पाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं:
लड़की की उम्र: विवाह के समय 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए।
लड़के की उम्र: विवाह के समय 21 साल या उससे अधिक होनी चाहिए।
बीपीएल राशन कार्ड: योजना का लाभ केवल बीपीएल राशन कार्ड धारक परिवारों की बेटियों को मिलता है।
दूसरी शादी: जिन महिलाओं की पहली शादी किसी कारणवश टूट गई है, वे भी इस योजना के तहत पुनर्विवाह के लिए आवेदन कर सकती हैं।
विवाद और धांधली के मामले
सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत गरीब और जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए की गई थी, लेकिन हाल ही में इस योजना में धांधली के कई मामले सामने आए हैं।
बलिया जिले में पहले से शादीशुदा एक कपल ने इस योजना के तहत दोबारा शादी कर योजना का लाभ उठाया। इसी तरह का एक और मामला मैनपुरी से सामने आया, जहां फर्जी लाभार्थियों ने योजना का गलत फायदा उठाया। इन घटनाओं के बाद, सरकार ने कार्रवाई करते हुए कई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और योजना की निगरानी कड़ी कर दी गई है।
यूपी सामूहिक विवाह योजना जरूरतमंदों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, लेकिन इस योजना में हो रही धांधली को रोकने के लिए सरकार को और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सही पात्र व्यक्तियों तक लाभ पहुंचाने के लिए निगरानी और कड़ी होनी चाहिए, ताकि योजना का असली उद्देश्य पूरा हो सके।