दिल्ली NCR में अब मिलेगी ट्रेफिक समस्या से राहत, इन 2 मेगा एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होगा UER-2

Good News : अब दिल्ली में रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी जाम से मिलेगी राहत अब अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (यूईआर-2) को सोनीपत, दिल्ली में यातायात को कम करने के लिए दो एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। जिसके कारण यात्रा में टाइम की बचत होगी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रोजेक्ट की मंजूरी दे दी हैं जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू किया जाएगा दिल्ली में वाहनों पर दबाव कम करने के लिए अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (यूईआर-2) को दो प्रमुख एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इससे गुरुग्राम, हवाई अड्डे और राजस्थान से आने वाले चालक दिल्ली में प्रवेश किए बिना पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जा सकेंगे।
इन दोनों राजमार्गों को जोड़ने के लिए 7350 करोड़ रुपये की लागत से 20 किलोमीटर और 17 किलोमीटर की दो सड़कें बनाई जाएंगी।दोनों प्रस्ताव 4 जून को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में रखे गए थे। इसके बाद इन दोनों प्रस्तावों की डीपीआर बनाने के आदेश दिए गए हैं।
दोनों एक्सप्रेसवे को यूईआर-2 से जोड़ने से गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद के वाहन चालकों को भी राहत मिलेगी। यूईआर-2 पर वाहन पिछले साल दिसंबर से सोनीपत के बारवासनी से शुरू हो रहे हैं इस पर देश का पहला मानव रहित टोल प्लाजा झिंझौली में बनाया गया है। यह सड़क उत्तर भारत से आने वाले वाहनों के लिए दिल्ली में प्रवेश किए बिना हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए बहुत उपयोगी है। अब इसे देश के दो प्रमुख एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो गया है।
इसे दिल्ली-कटरा और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 2 करोड़ रुपये की लागत से 2 सड़कों का निर्माण किया जाएगा। यूईआर-2 को जसोरखेड़ी से दिल्ली में कंझावला होते हुए और रोहिणी और अलीपुर के बीच झज्जर में लदरावन से शुरू होने वाले दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना है। इस परियोजना पर 20 करोड़ रुपये की लागत आएगी। डीपीआर तैयार की जा रही है। इससे दिल्ली, गुरुग्राम और हवाई अड्डे से आने वाले वाहन दिल्ली के जाम में फंसे बिना उत्तर भारतीय राज्यों में जा सकेंगे।
इस बाईपास का उपयोग एनएच-44 के विकल्प के रूप में किया जाएगा, जिससे इस राजमार्ग पर वाहनों का दबाव कम होगा। यूईआर-2 को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना है। दिल्ली में अलीपुर के पास से शुरू होने वाली 17 किलोमीटर लंबी सड़क ट्रोनिका सिटी के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और हिरांकी के रास्ते गाजियाबाद में मंडोला को जोड़ेगी। इस सड़क का निर्माण 3350 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इससे उत्तरी दिल्ली, उत्तर-पश्चिम दिल्ली और गुरुग्राम के वाहन चालकों को राहत मिलेगी।
यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली को हरियाणा और राजस्थान से जोड़ेगा। इस सड़क के बनने से दिल्ली के एनएच-44,48, बारापुल्ला रोड से वाहनों का दबाव कम होगा। परियोजना के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।यूईआर-2 को दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से जोड़ने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
डीपीआर तैयार की जा रही है। उसके बाद आगे के विवरण का पता लगाया जाएगा और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। यूईआर-2 को जसोरखेड़ी से दिल्ली में कंझावला होते हुए और रोहिणी और अलीपुर के बीच झज्जर में लदरावन से शुरू होने वाले दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना है। इस परियोजना पर 20 करोड़ रुपये की लागत आएगी। डी पीआर तैयार की जा रही है। इससे दिल्ली, गुरुग्राम और हवाई अड्डे से आने वाले वाहन दिल्ली के जाम में फंसे बिना उत्तर भारतीय राज्यों में जा सकेंगे।
इस बाईपास का उपयोग एनएच-44 के विकल्प के रूप में किया जाएगा, जिससे इस राजमार्ग पर वाहनों का दबाव कम होगा। यूईआर-2 को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना है। दिल्ली में अलीपुर के पास से शुरू होने वाली 17 किलोमीटर लंबी सड़क ट्रोनिका सिटी के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और हिरांकी के रास्ते गाजियाबाद में मंडोला को जोड़ेगी। इस सड़क का निर्माण 3350 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इससे उत्तरी दिल्ली, उत्तर-पश्चिम दिल्ली और गुरुग्राम के वाहन चालकों को राहत मिलेगी। यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली को हरियाणा और राजस्थान से जोड़ेगा। इस सड़क के बनने से दिल्ली के एनएच-44,48, बारापुल्ला रोड से वाहनों का दबाव कम होगा। परियोजना के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।