राजस्थान के इन शहरों में मनाई जाएगी आज के दिन दिवाली, जानें वजह
Rajasthan News : दीपावली का पर्व इस बार 2 दिन मनाया जा रहा है. कहीं पर दिवाली आज तो कहीं पर दिवाली कल यानी 1 नवंबर को मनाई जाएगी. राजस्थान की बात करें तो यहां के ज्यादातर शहरों में रोशनी और मां लक्ष्मी के पूजन का यह सबसे बड़ा पर्व आज शुभ घड़ी में मनाया जा रहा है.ज्योतिषियों और धर्मगुरुओं के अनुसार दीपावली का पर्व इस बार दो तारीख में आया है.
दो दिन दीपावली का पर्व आने के कारण लोगों में असमंजस की स्थिति अभी तक बनी हुई है. लेकिन ज्यादातर लोग दिवाली 31 अक्टूबर को ही मना रहे हैं.दिवाली के पर्व को लेकर राजस्थान आज पूरी तरह से गुलजार है. राजस्थान के ज्यादातर जिलों में आज ही दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है. लेकिन राजस्थान के दो बड़े-दो छोटे शहर ऐसे हैं जहां दिवाली का यही पर्व कल यानी 1 नवंबर को मनाया जाएगा. राजस्थान के बीकानेर, जोधपुर, भीलवाड़ा और करौली में दिवाली कल मनाई जाएगी. इन चारों शहरों के ज्योतिषियों और विद्वानों ने दिवाली पूजन के लिए 1 नवंबर की तिथि सबसे ज्यादा शुभ बताई है.
इसी वजह से सभी के निर्णय अनुसार राजस्थान के इन चार जिलों में दिवाली की पूरी तरह से रौनक 1 नवंबर को दिखाई देगी. राजस्थान की धर्म नगरी करौली के राज्य आचार्य पंडित प्रकाश जी ने बताया कि इस साल अमावस्या प्रदोष व्यापिनी और उदया तिथि होने के कारण दिवाली 1 नवंबर को मनाई जाएगी. पंडित जी ने बताया कि जब दोनों दिन प्रदोष व्यापिनी अमावस्या हो तो अगले दिन, यानी 1 नवंबर को ही दिवाली मनाने का विधान है. यहीं धर्म सिंधु और निर्णय सिंधु दोनों का मत हैं.भीलवाड़ा- जब लोकल 18 के संवाददाता ने भीलवाड़ा नगर व्यास पं. राजेंद्र व्यास से बात की तो उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा में 1 नवंबर को दीपावली का त्योहार मनाना शुभ माना गया हैं.
दरअसल, इसका कारण कार्तिक अमावस्या की तिथि का दो दिन होना है. शताब्दी पंचाग व श्रीधर पंचांग सहित अन्य मान्यता पंचागों के अनुसार भीलवाड़ा में 1 नवम्बर को ही दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा और इसी दिन लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ रहेगा.बीकानेर- बीकानेर के लोकल 18 के संवाददाता ने बीकानेर के पंडित के बात की तो उन्होंने बताया कि पंचांगकर्ता, ज्योतिषाचार्य और विद्वान ने शास्त्रीय प्रमाण रखते हुए एक नवम्बर को ही दीपावली पर्व मनाने को शास्त्र सम्मत बताया है. बीकानेर के ज्योतिषी और पंडित राजेन्द्र किराडू ने बताया कि इस बार दिवाली पर अनावश्यक रूप से असमंजस उत्पन्न किया जा रहा है.
शास्त्र वचन है कि प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ है. इस बार दोनों दिन अमावस्या तिथि है. शास्त्र सम्मत वचन है कि दूसरे दिन प्रदोष काल के बाद एक घटी तक अमावस्या तिथि हो, तो दूसरे दिन दीपावली पर्व मनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि देश के 80 पंचांगों में एक नवंबर को दीपावली पर्व मनाने का मुहूर्त है.जोधपुर- ज्योतिषविद पं. द्विवेदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ज्योतिषविदों ने बताया कि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को कार्तिक कृष्ण अमावस्या होने से पूरे देश में भ्रामक स्थिति बनी है. दोनों ही दिन प्रदोष काल में से प्रकाशित श्री चण्ड मार्तण्ड पंचांग, गर्ग पंचांग, श्रीधर पंचांग और निर्णय सागर पंचांग समेत अनेक पंचांग कर्ताओं ने दिवाली 1 नवंबर को मनाने को शास्त्र सम्मत माना है.