हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण के बीच कराई गई नकली बारिश, जानें क्या थी सरकार की रणनीति
Haryana News : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और अन्य शारीरिक समस्याएं शामिल हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए एक नया कदम उठाया है।
दिल्ली में पहली बार कृत्रिम बारिश कराई गई है, जो प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। गुरुग्राम के सेक्टर-82 स्थित डीएलएफ कॉम्प्लेक्स में इस कृत्रिम बारिश को अंजाम दिया गया। यह बारिश वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने और वातावरण को शुद्ध करने के लिए की गई।
इस प्रक्रिया में क्लाउड सीडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसमें बादलों में विशेष रसायन डाले जाते हैं, जिससे बारिश होती है।दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस बारे में जानकारी दी और बताया कि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली सरकार इसी महीने कृत्रिम बारिश का और अधिक उपयोग करेगी। यह कदम खासतौर पर दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बारिश के जरिए प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकता है और इससे वातावरण को शुद्ध करने में मदद मिलेगी।क्लाउड सीडिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसमें बादलों में खास रसायन जैसे सिल्वर आयोडाइड, सोडियम क्लोराइड, या कैल्शियम क्लोराइड डाले जाते हैं, जो बादलों को बारिश करने के लिए प्रेरित करते हैं।
इस प्रक्रिया को मौसम नियंत्रण के लिए प्रयोग किया जाता है और इसे विभिन्न देशों में उपयोग में लाया जाता है।दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ दिनों में खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। इस प्रदूषण की वजह से लोगों को शारीरिक परेशानियां हो रही हैं, जैसे आंखों में जलन, सांस लेने में कठिनाई, और गले में खराश। इसके अलावा, स्वास्थ्य संबंधित गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। दिल्ली सरकार का मानना है कि कृत्रिम बारिश से प्रदूषण को कम किया जा सकता है और इससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अन्य उपायों पर भी ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्माण कार्यों पर रोक, वाहनों के प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के उपाय, और हरियाली बढ़ाने की योजनाएं शामिल हैं