Khelorajasthan

हरियाणा में किसान लगातार जला रहें हैं पराली, अब तक इतने मामले दर्ज 

हरियाणा सरकार ने पराली जलने से रोक पाने में नाकाम 17 अफसरों को चार्जशीट किया है। अब तक इस मामले में 394 अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है। 26 अफसर निलंबित किए जा चुके हैं। हरियाणा के कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला मंगलवार को चंडीगढ़ में हैं। सुरजेवाला ने सेक्टर-27 स्थित चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एमएसपी पर धान की फसल खरीद न होने के मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस की। इसको लेकर उन्होंने हरियाणा की भाजपा सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। 
 
हरियाणा में किसान लगातार जला रहें हैं पराली, अब तक इतने मामले दर्ज

Haryana News : हरियाणा सरकार ने पराली जलने से रोक पाने में नाकाम 17 अफसरों को चार्जशीट किया है। अब तक इस मामले में 394 अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है। 26 अफसर निलंबित किए जा चुके हैं। हरियाणा के कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला मंगलवार को चंडीगढ़ में हैं। सुरजेवाला ने सेक्टर-27 स्थित चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एमएसपी पर धान की फसल खरीद न होने के मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस की। इसको लेकर उन्होंने हरियाणा की भाजपा सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। 

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एमएसपी पर धान की खरीद न कर किसानों से किसान आंदोलन का बदला ले रही है।  सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने आम चुनाव प्रचार के दौरान 3100 रुपये पर धान खरीदने की बात कही थी, लेकिन अब धान की खरीद 2300 रुपये पर की जा रही है। देश में इस साल 627 लाख मीट्रिक टन धान की कम खरीद हुई है। 

उन्होंने कहा कि देश में अभी तक इस बार धान की केवल 92 लाख मीट्रिक टन खरीद ही हुई है।  हरियाणा में पराली जलाने से रोकने में कोताही बरतने वाले 17 अफसर चार्जशीट किए गए हैं। वहीं, अभी तक कुल 394 अफसरों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा चुका है। जबकि कृषि विभाग के 26 अफसरों को निलंबित किया गया है। 23 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने के मामले में सुनवाई से दो दिन पहले ही सरकार के निर्देशानुसार एक साथ 24 अफसरों को निलंबित किया गया था।राज्य कृषि विभाग के एक आला अधिकारी के मुताबिक चार्जशीट करने की विभागीय प्रक्रिया है। 

ड्यूटी में कोताही बरतने वाले अफसर या कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेने पर चार्जशीट किए जाते हैं। इसमें विभाग के डॉयरेक्टर ही चार्जशीट होने वाले अफसरों के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर फैसला लेते हैं। वहीं, अब चार नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में पराली जलाने को मामले को लेकर अगली सुनवाई है। राज्य में सोमवार को कुल 11 नए मामले पराली जलाने के आए हैं। जबकि नौ किसानों की मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री की गई है। वहीं, सात नई एफआईआर भी दर्ज की गई है। 15 सितंबर से 28 अक्तूबर तक राज्य में पराली जलाने के कुल 723 मामले आ चुके हैं। इनमें कैथल जिले में सबसे ज्यादा पराली जली है। 

अभी तक 448 किसानों की रेड एंट्री हो चुकी है, जो दो सीजन तक एमएसपी पर अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे। पराली जलाने पर अभी तक कुल 216 एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। कैथल में पराली जलाने के 135, कुरुक्षेत्र में 99, अंबाला में 78, करनाल में 78, जींद में 56, फतेहाबाद में 48 और सोनीपत में 47 मामले आ चुके हैं।हरियाणा में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए राज्य सरकार द्वारा सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशानुसार सरकार ने विस्तृत योजना तैयार की है। एक ओर जहां किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर पंचायतों को जीरो बर्निंग लक्ष्य दिए जा रहे हैं। 

इस वर्ष अब तक पराली जलाने की कुल 724 घटनाएं आईसीएआर द्वारा दर्ज की गई हैं, जो पिछले वर्ष की घटनाओं की तुलना में 29 प्रतिशत कम हैं। 28 अक्टूबर, 2024 तक 83,070 किसानों ने 7.11 लाख एकड़ धान क्षेत्र के प्रबंधन के लिए पंजीकरण कराया है। पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2024 है। वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक किसानों को 223 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा चुकी है।