गंगा एक्सप्रेस-वे का काम पूरा अगले महीने से वाहन भरेंगे फराटा
Ganga Expressway : गंगा एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर है, जो मेरठ से लेकर प्रयागराज तक फैला होगा। इसके निर्माण के पहले चरण में यह उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिसमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, और प्रयागराज शामिल हैं। इस एक्सप्रेस-वे की खास बात यह है कि यह 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा के साथ डिज़ाइन किया गया है, जिससे मेरठ से प्रयागराज की यात्रा का समय केवल छह घंटे का हो जाएगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे का दूसरा चरण: 350 किलोमीटर का विस्तार
इस परियोजना के दूसरे चरण में एक्सप्रेस-वे को मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, और गाजीपुर के माध्यम से बलिया तक बढ़ाया जाएगा। दूसरे चरण की लंबाई 350 किलोमीटर होगी, जिससे गंगा एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई लगभग 950 किलोमीटर हो जाएगी। इससे यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था ताकि इसे आगामी कुंभ मेले से पहले उपयोग में लाया जा सके। हालांकि, बारिश और अन्य मौसमी स्थितियों के कारण इसमें कुछ देरी हो सकती है। इसके बावजूद, यूपीडा के अधिकारी परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं।
रोजगार के अवसर और आर्थिक विकास
गंगा एक्सप्रेस-वे के माध्यम से राज्य के कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। जिन जिलों से यह एक्सप्रेस-वे गुजरेगा, वहां आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे छोटे और बड़े व्यवसायों को भी फायदा होगा। साथ ही, बलिया के रास्ते बिहार के लोग भी इस एक्सप्रेस-वे से आसानी से दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ सकेंगे।
'गंगा एक्सप्रेस-वे' उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो राज्य के विकास की दिशा में एक नई पहचान बनाएगी। राज्य में बेहतर यातायात व्यवस्था, आर्थिक विकास, और रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले इस प्रोजेक्ट से उत्तर प्रदेश को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने का प्रयास हो रहा है। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण केवल एक मार्ग नहीं, बल्कि राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास की ओर बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।