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शेर चीतों को निहारते हुए गाड़ी को 100 पर भगाते हुए निकलने को हो जाओ तैयार! इस एक्स्प्रेसवे के खुलने की बारी आ गई

दरअसल, वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे परियोजना को स्वीकृति दी थी। जनवरी 2021 से इस पर कार्य शुरू हो गया था। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 13000 करोड़ रुपये की लागत से इस एक्सप्रेस-वे को दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से उत्तराखंड के आसारोडी तक बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे तीन राज्यों दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड की आर्थिक तरक्की में मील का पत्थर साबित होगा। अब इसका निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है। इस एक्सप्रेस-वे का सबसे बड़ा आकर्षण गणेशपुर से आसारोडी तक 576 पिलरों पर बनाया गया 12 किमी लंबा एलिवेटेड रोड है। इसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। 
 
शेर चीतों को निहारते हुए गाड़ी को 100 पर भगाते हुए निकलने को हो जाओ तैयार! इस एक्स्प्रेसवे के खुलने की बारी आ गई

Delhi-Dehradun Expressway : दरअसल, वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे परियोजना को स्वीकृति दी थी। जनवरी 2021 से इस पर कार्य शुरू हो गया था। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 13000 करोड़ रुपये की लागत से इस एक्सप्रेस-वे को दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से उत्तराखंड के आसारोडी तक बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे तीन राज्यों दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड की आर्थिक तरक्की में मील का पत्थर साबित होगा। अब इसका निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है। इस एक्सप्रेस-वे का सबसे बड़ा आकर्षण गणेशपुर से आसारोडी तक 576 पिलरों पर बनाया गया 12 किमी लंबा एलिवेटेड रोड है। इसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। 

शिवालिक जंगल और राष्ट्रीय राजाजी पार्क के वन्य जीवों के संरक्षण के मद्देनजर इसे बनाया गया है। 210 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे का आखिरी चरण गागलहेड़ी से डाॅट काली माता मंदिर तक करीब 42 किमी लंबाई का है।

गणेशपुर से आसारोडी तक बनाया गया एलिवेटेड रोड एशिया का सबसे लंबा वन्य जीव गलियारा है। इस पर 100 किमी की रफ्तार से वाहन दौड़ेंगे और नीचे वन्य जीव विचरण करेंगे। वन्य जीवों को वाहनों की रोशनी और आवाज से परेशानी न हो, इसके लिए साउंड और लाइट बैरियर लगाए गए हैं। इस क्षेत्र में यात्रियों को मोबाइल कनेक्टिविटी दिलाने के लिए एलिवेटेड रोड के पिलरों पर टावर भी लगाए जाएंगे। देहरादून जनपद के हिस्से में इस एक्सप्रेस-वे पर हाथी और अन्य वन्य जीवाें के एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए अंडरपास भी दिए गए हैं।