Ghaziabad-Kanpur expressway: गाजियाबाद और कानपुर वालों की होगी बल्ले-बल्ले, 380 किलोमीटर की लबाई पर निकलने वाला है एक्सप्रेसवे
Ghaziabad-Kanpur expressway: उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन गया है। सड़क बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। इसके तहत यूपी के दो औद्योगिक जिलों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे की योजना बनाई गई है। एक्सप्रेसवे नौ प्रमुख जिलों से होकर गुजरेगा। इसमें गाजियाबाद, हापुड, बुलन्दशहर, अलीगढ, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव और कानपुर शामिल होंगे। ग्रीनफील्ड कॉरिडोर की घोषणा पहली बार सितंबर 2019 में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा की गई थी और 5 जुलाई को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित की गई थी।
उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख औद्योगिक शहरों गाजियाबाद और कानुपर को सीधे सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए नए एक्सप्रेसवे बनाने की दिशा में एक और कदम उठाया गया है। प्रस्तावित गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेस-वे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो गई है। मंजूरी मिलते ही राज्य सरकार एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू कर देगी। 380 किमी लंबे फोर-लेन एक्सप्रेसवे से गाजियाबाद से कानपुर पहुंचने में केवल 3 घंटे लगेंगे। गाजियाबाद और बुलंदशहर जैसी जगहों से लखनऊ पहुंचने में भी कम समय लगेगा। एक्सप्रेसवे से यूपी के 9 जिलों को फायदा होगा. यह एक्सप्रेस-वे कई मायनों में गेमचेंजर साबित होगा। इससे न केवल यात्रा का समय कम होगा बल्कि औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
गाजियाबाद से कानपुर 3 घंटे में
गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय आधा हो जाएगा। अभी यमुना एक्सप्रेस-वे से गाजियाबाद से कानपुर पहुंचने में करीब 6 घंटे का समय लगता है। दूसरी ओर, राष्ट्रीय राजमार्ग-9 (NH-9) से होकर लगभग 8 घंटे लगते हैं। हालांकि, नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद यह समय घटकर 3 घंटे रह जाएगा. एक्सप्रेस-वे को पहले चार लेन बनाया जाएगा। भविष्य में इसे 6 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। यह एक्सप्रेसवे न केवल कई शहरों के बीच आवाजाही को सुविधाजनक बनाएगा बल्कि यूपी की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस परियोजना को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
नोएडा-गुरुग्राम को भी फायदा
गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे से यूपी के नौ जिलों-हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज और उन्नाव के साथ-साथ दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम को भी फायदा होगा। इससे दिल्ली-एनसीआर की यूपी से कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
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