आमजन के लिए NCR में प्लॉट खरीदने का सुनहरा मौका, GDA विकसित करेगी...., जानें

GDA Plot Scheme 2025: इंदिरापुरम में खाली पड़े ग्रुप हाउसिंग का भूमि उपयोग परिवर्तित कर दिया गया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) इंदिरापुरम विस्तार योजना में भूखंड बनाकर क्षेत्र का विकास कर रहा है, जहां लोगों को भूखंड खरीदने का अवसर मिलेगा। इस उद्देश्य से प्राधिकरण सड़क, सीवरेज और पानी की लाइन के साथ-साथ विकास कार्यों में भी लगा हुआ है।
जीडीए के खजाने को भरने के लिए छोटे भूखंडों की बिक्री गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह ने बताया कि इंदिरापुरम में चार ग्रुप हाउसिंग के करीब 30 हजार वर्ग मीटर के भूखंड खाली थे, जिनका भू-उपयोग बदलकर आवासीय कर दिया गया।
प्राधिकरण इस योजना के तहत लेआउट के अनुसार सड़क निर्माण के साथ-साथ सीवर और पेयजल लाइन आदि का निर्माण भी करेगा।
योजना के तहत भूखंड के सामने मैनहोल, बिजली के खंभे, हरित पट्टी, पार्क आदि विकसित किए जाएंगे। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने करीब 120 भूखंडों का लेआउट तैयार किया है।
योजना को शीघ्र तैयार करने से छोटे भूखण्डों की बिक्री से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को आय होगी, जिससे विकास कार्य अधिक तेजी से हो सकेंगे।
जीडीए ने 92 लाभार्थियों को भवन आवंटन पत्र सौंपे गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने 92 लाभार्थियों को भवन आवंटन पत्र सौंपे हैं। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि ईडब्ल्यूएस और एलआईजी भवनों का निर्माण निजी डेवलपर्स की ओर से किया गया है। इनमें 31 ईडब्ल्यूएस और 61 एलआईजी भवन शामिल हैं। सभी को आवंटन पत्र दे दिए गए।
उन्होंने बताया कि आवंटन पत्र प्राप्त करने वाले सभी लाभार्थियों को धनराशि जमा कराने पर आवंटित भवन का कब्जा दे दिया जाएगा। आवेदन करने वाले लोगों की संख्या लगभग 63 थी, लेकिन लॉटरी के माध्यम से 31 पात्र लोगों को भवन आवंटित किया गया। एलआईजी के लिए 99 आवेदनों में से 61 को लॉटरी के माध्यम से आवंटन पत्र दिए गए हैं।
इससे पहले 18 फरवरी को जीडीए ने हिंदी भवन सभागार में दूसरे दिन खाली पड़े भूखंडों की नीलामी की थी, जिसमें करीब 57 करोड़ रुपये मिले थे।
बोलीदाताओं ने दूसरे दिन भी खरीद के लिए उत्साहपूर्वक बोलियां लगायीं। दो दिवसीय नीलामी प्रक्रिया के दौरान प्राधिकरण को 91 करोड़ रुपये से अधिक की आय होने की उम्मीद है, जिससे प्राधिकरण क्षेत्र में विकास कार्यों को गति मिलेगी।