हरियाणा के लाखों किसानों के लिए आई गुड न्यूज! सैनी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, जानें क्या मिलेगा लाभ
Haryana News: हरियाणा सरकार ने अब साझी जमीन के बंटवारे को लेकर नया कानून पारित किया है, जिसके तहत पति-पत्नी को छोड़कर खून के रिश्तेदारों में जमीन का बंटवारा हो सकेगा।
इससे पहले 2017 में पारित धारा 111-ए के तहत केवल पति-पत्नी को ही बंटवारे से बाहर रखा गया था, लेकिन अब नए संशोधन से रक्त संबंध वाले सह-स्वामियों के लिए भी भूमि का बंटवारा संभव हो जाएगा।
हरियाणा में, नया कानून भूमि विवादों को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेषकर उन परिवारों के लिए जो संयुक्त भूमि के मालिक हैं और बंटवारे को लेकर विवाद कर रहे हैं।
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अब रक्त संबंधियों के बीच भी विभाजन की प्रक्रिया सरल हो जाएगी, जिससे कई लंबित मामले सुलझ जाएंगे। इस कानून से न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि उन परिवारों को भी राहत मिलेगी जो भूमि बंटवारे के मुद्दे पर लंबे समय से अदालतों में उलझे हुए थे।
गौरतलब है कि पहले इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था और किसानों को बंटवारे के लिए न्यायपालिका का सहारा लेना पड़ता था, जिससे विवाद बढ़ जाते थे। अब इस नए अनुभाग के तहत सहायक कलेक्टरों और तहसीलदारों को मामलों को निपटाने की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे मामलों का समय पर समाधान सुनिश्चित होगा।
दूसरा बड़ा लाभ यह होगा कि सर्वसम्मति से विभाजन न होने की स्थिति में सरकारी अधिकारियों और अदालतों की मदद से भूमि का शीघ्र विभाजन किया जा सकेगा। इससे न केवल भूमि वितरण प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि भूमि के मालिकों के बीच उचित और सही वितरण हो।
राजस्व मंत्री विपुल गोयल का दावा सही है कि इससे 14 से 15 लाख किसानों को राहत मिलेगी, क्योंकि भूमि विवादों का समय पर निपटारा हो जाएगा और अदालतों में लंबित मामलों में भी कमी आएगी।
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यदि आपको इस विधेयक से संबंधित कोई अतिरिक्त जानकारी चाहिए या कोई प्रश्न है तो कृपया हमें बताएं।
राजस्व मंत्री विपुल गोयल के अनुसार, नए कानून से राज्य के लगभग 14-15 लाख किसानों को राहत मिलेगी, क्योंकि साझा भूमि विवादों पर सहायक कलेक्टर और तहसीलदार अदालतों में 1 लाख से अधिक मामले लंबित हैं।
इस संशोधन के अनुसार, छह महीने के भीतर सभी सह-स्वामियों को अपने शेयरों के विभाजन का त्यागपत्र प्रस्तुत करना होगा। यदि आम सहमति नहीं बनी तो वितरण राजस्व अधिकारी और न्यायालय के माध्यम से किया जाएगा। इस कदम से राज्य में भूमि विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी और कृषि क्षेत्र में न्यायिक प्रक्रिया सरल होगी।
राजस्व मंत्री विपुल गोयल के अनुसार, नए कानून से राज्य के लगभग 14-15 लाख किसानों को राहत मिलेगी, क्योंकि साझा भूमि विवादों पर सहायक कलेक्टर और तहसीलदार अदालतों में 1 लाख से अधिक मामले लंबित हैं।
इस संशोधन के अनुसार, छह महीने के भीतर सभी सह-स्वामियों को अपने शेयरों के विभाजन का त्यागपत्र प्रस्तुत करना होगा। यदि आम सहमति नहीं बनी तो वितरण राजस्व अधिकारी और न्यायालय के माध्यम से किया जाएगा। इस कदम से राज्य में भूमि विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी और कृषि क्षेत्र में न्यायिक प्रक्रिया सरल होगी।
हरियाणा सरकार ने अब साझी जमीन के बंटवारे को लेकर नया कानून पारित किया है, जिसके तहत पति-पत्नी को छोड़कर खून के रिश्तेदारों में भी जमीन का बंटवारा हो सकेगा।
इससे पहले 2017 में पारित धारा 111-ए के तहत केवल पति-पत्नी को ही बंटवारे से बाहर रखा गया था, लेकिन अब नए संशोधन से रक्त संबंध वाले सह-स्वामियों के लिए भी भूमि का बंटवारा संभव हो जाएगा।
हरियाणा में, नया कानून भूमि विवादों को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेषकर उन परिवारों के लिए जो संयुक्त भूमि के मालिक हैं और बंटवारे को लेकर विवाद कर रहे हैं।
अब रक्त संबंधियों के बीच भी विभाजन की प्रक्रिया सरल हो जाएगी, जिससे कई लंबित मामले सुलझ जाएंगे। इस कानून से न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि उन परिवारों को भी राहत मिलेगी जो भूमि बंटवारे के मुद्दे पर लंबे समय से अदालतों में उलझे हुए थे।