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हरियाणा के इस जिले के किसानो के लिए खुशखबरी! खुलेगी मजदूर कैंटीन, महज 10 रूपये में मिलेगा भरपेट भोजन 

हरियाणा के चरखी दादरी अनाज मंडी में जल्द ही अटल किसान मजदूर कैंटीन शुरू की जाएगी। राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएम) पंचकूला ने इसे हरी झंडी दे दी है और कैंटीन को सोमवार या मंगलवार तक शुरू कर दिया जाएगा। यह कैंटीन खासतौर पर किसानों, मजदूरों और कमीशन एजेंटों के लिए बनाई गई है, जहां वे केवल 10 रुपये में भरपेट भोजन प्राप्त कर सकेंगे।
 

Haryana news:हरियाणा के चरखी दादरी अनाज मंडी में जल्द ही अटल किसान मजदूर कैंटीन शुरू की जाएगी। राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएम) पंचकूला ने इसे हरी झंडी दे दी है और कैंटीन को सोमवार या मंगलवार तक शुरू कर दिया जाएगा। यह कैंटीन खासतौर पर किसानों, मजदूरों और कमीशन एजेंटों के लिए बनाई गई है, जहां वे केवल 10 रुपये में भरपेट भोजन प्राप्त कर सकेंगे।

पहले इस कैंटीन को हटाया जाना था, लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण यह प्रक्रिया रुक गई। अब अनुमान है कि यह अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा। 20 फरवरी को एचएसएएम बोर्ड ने एक पत्र जारी किया था, जिसमें चरखी दादरी समेत प्रदेश की 40 अनाज मंडियों में अटल किसान मजदूर कैंटीन खोलने के निर्देश दिए गए थे। इसमें किसानों, आढ़तियों व अन्य लोगों को 10 रुपये प्रति थाली की दर से भोजन वितरित करने की योजना बनाई गई थी। 12 मार्च तक कैंटीन शुरू करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन निकाय चुनाव के कारण यह योजना रुक गई।

दादरी मार्केट कमेटी के सचिव विजय कुमार ने बताया कि कैंटीन सोमवार या मंगलवार तक खोल दी जाएगी। वर्तमान में अनाज मंडी में कैंटीन के लिए कोई भवन उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसे अस्थायी रूप से किसान विश्राम गृह हॉल में स्थापित किया जाएगा। स्थायी भवन के लिए स्थल का चयन कर लिया गया है तथा प्रस्ताव अधिकारियों को भेज दिया गया है। जल्द ही भवन निर्माण पूरा होने के बाद कैंटीन को वहां स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसके लिए विभाग ने 7 लाख रुपए का बजट जारी कर दिया है, जिससे उपकरण, गैस सिलेंडर व अन्य जरूरी सामान खरीदा जाएगा।

इस कैंटीन के सफल संचालन के लिए एक समिति गठित की गई है जो आवश्यक वस्तुओं की खरीद करेगी। यहां स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भोजन पकाना होगा और उन्हें प्रति व्यंजन 25 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसमें से 10 रुपए का कूपन काटा जाएगा तथा 15 रुपए की सब्सिडी मार्केट कमेटी द्वारा वहन की जाएगी। जाहिर है, हर दिन कम से कम 200 प्लेटें बेची जाती हैं।