हरियाणा HKRN को लेकर बड़ी खुशखबरी! सरकार ने इन कर्मचारियों को फिर से नियुक्ति के दिए आदेश, जानें

Haryana News: हरियाणा के टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) अध्यापकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। हरियाणा सरकार ने एचकेआरएन (हरियाणा कौशल रोजगार निगम) के तहत कार्यरत टीजीटी अध्यापकों को बड़ी राहत दी है, जिन्हें पहले सरप्लस कर दिया गया था और बाद में बर्खास्त कर दिया गया था। सरकार ने अब इन अध्यापकों का अनुबंध 31 मार्च तक बढ़ा दिया है। सभी जिलों के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जल्द से जल्द इन अध्यापकों को दोबारा ज्वाइन करवाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
सरकार के इस फैसले से सैकड़ों टीजीटी शिक्षकों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं और कहा है कि अनुबंध की सभी पुरानी शर्तें लागू रहेंगी। इसका मतलब यह है कि शिक्षकों को अब तनाव लेने की जरूरत नहीं है, उनका काम पहले की तरह ही नियमों पर चलता रहेगा।
शिक्षक उन्हीं पुराने स्कूलों में फिर से पढ़ाएंगे
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सरप्लस के कारण कार्यमुक्त हुए टीजीटी शिक्षक अब उन्हीं स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए वापस जाएंगे, जहां वे पहले पढ़ाते थे। इसका मतलब यह है कि नया स्कूल ढूंढने का झंझट नहीं, नई जगह में समायोजित होने का तनाव नहीं।
आदेश में कहा गया है कि सभी सरप्लस टीजीटी अध्यापकों को तत्काल उसी स्कूल में बहाल किया जाए, जहां से उन्हें पहले कार्यमुक्त किया गया था। इसके अलावा, यदि भविष्य में बच्चों की संख्या के कारण किसी अन्य स्कूल में कार्यभार हो और कोई स्थान रिक्त हो तो उन्हें वहां स्थानांतरित किया जा सकेगा। लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता, उन्हें वहीं पढ़ाया जाना चाहिए जहां वे पहले पढ़ाते थे।
पूर्ण गारंटी के साथ विस्तारित अनुबंध
सरकार ने टीजीटी अध्यापकों का अनुबंध पूरे एक साल के लिए बढ़ा दिया है, जो अब 31 मार्च तक मान्य होगा। आदेश में यह भी स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि सभी संबंधित प्रिंसिपलों और डीडीओ (आहरण एवं वितरण अधिकारी) को तुरंत आदेश जारी किए जाएं कि वे अपने स्तर पर अध्यापकों का अनुबंध बिना किसी देरी के बढ़ाएं।
सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सभी अनुबंध उन्हीं पुरानी शर्तों व नियमों के अनुसार चलेंगे जो पहले से लागू थे। यानी वेतन, छुट्टियां और अन्य सुविधाएं पहले जैसी ही रहेंगी।
अब सुरक्षित है अधिशेष शिक्षकों का भविष्य
काफी समय से अधिशेष शिक्षक अनिश्चितता में रह रहे थे। उन्हें अन्यत्र नियुक्ति नहीं मिल रही थी, न ही पहले स्कूल में काम करने की अनुमति मिल रही थी। इससे उनके रोजगार पर खतरा मंडरा रहा था। लेकिन अब सरकार के नए आदेश से उनका भविष्य सुरक्षित हो गया है।
विभाग ने यह भी निर्णय लिया है कि छात्र संख्या और एमआईएस (प्रबंधन सूचना प्रणाली) में रिक्त पदों के आधार पर जहां भी नई आवश्यकता होगी, वहां इन अधिशेष शिक्षकों को समायोजित किया जाएगा। लेकिन जब तक समायोजन नहीं हो जाता, उन्हें उन्हीं पुराने स्कूलों में काम करना होगा।