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किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी अब बनेगी फार्मर आईडी, यहाँ जानें कैसे होगा फार्मर आईडी से खेती में फायदा  

देश के करोड़ों किसानों के लिए खेती को आसान और लाभदायक बनाने के लिए केंद्र सरकार एक नई डिजिटल पहल 'किसान आईडी' लेकर आई है। यह किसान के आधार कार्ड की तरह 11 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या होगी और एटीएम कार्ड की तरह काम करेगी। इसके जरिए किसानों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा और उन्हें हर बार दस्तावेज नहीं देने होंगे।
 
किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी अब बनेगी फार्मर आईडी, यहाँ जानें कैसे होगा फार्मर आईडी से खेती में फायदा

Kisan News : देश के करोड़ों किसानों के लिए खेती को आसान और लाभदायक बनाने के लिए केंद्र सरकार एक नई डिजिटल पहल 'किसान आईडी' लेकर आई है। यह किसान के आधार कार्ड की तरह 11 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या होगी और एटीएम कार्ड की तरह काम करेगी। इसके जरिए किसानों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा और उन्हें हर बार दस्तावेज नहीं देने होंगे।

यहाँ देखें क्या हैं किसान आईडी 

'किसान आईडी' आधार नंबर की तरह 11 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या होगी। इसमें किसान का नाम, खेती का रकबा, बोई गई फसल, जमीन की जीपीएस लोकेशन, हाल के वर्षों में मिले सरकारी योजनाओं के लाभ आदि सभी जानकारियां डिजिटल रूप से दर्ज होंगी। यह पहल कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से 'एग्रीस्टैक परियोजना' के तहत लाई गई है। खास बात यह है कि जिन किसानों की जमीन संयुक्त जमाबंदी में आती है, उनके लिए अलग पहचान बनाई जाएगी। कृषि भूमि का हिस्सा सभी किसानों में बराबर बांटा जाएगा और पंजीकरण कराया जाएगा, ताकि सभी को योजनाओं का लाभ मिल सके।

इस तरह से मिलेगा किसानों को लाभ 

पीएम किसान योजना के तहत सालाना 6000 रुपये जैसे लाभ सीधे और बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज के मिलेंगे। फसल बीमा योजना, सब्सिडी, किसान क्रेडिट कार्ड लोन और एमएसपी पर फसलों की खरीद जैसी सुविधाएं जल्दी और आसानी से उपलब्ध होंगी। किसान अपनी खेती की जरूरतों के हिसाब से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सलाह, मिट्टी की जांच और मौसम की जानकारी भी ले सकेंगे। किसान आईडी से योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी और जिन किसानों को अभी तक योजनाओं का लाभ नहीं मिला है, उनकी भी आसानी से पहचान हो सकेगी। 

जरूरी दस्तावेज 

किसान आईडी बनवाने के लिए राज्य सरकारें किसानों का डेटा इकट्ठा कर रही हैं। इसमें आधार कार्ड, खतौनी, मोबाइल नंबर और बैंक खाते की जानकारी शामिल है। जल्द ही ऑनलाइन पोर्टल और सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के जरिए यह सुविधा शुरू की जाएगी। आज भी कई किसान ऐसे हैं जो कभी कागजी कार्रवाई की कमी तो कभी जानकारी के अभाव में योजनाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पाते। लेकिन किसान आईडी आने के बाद हर किसान की डिजिटल पहचान होगी, उसे सभी योजनाओं का सीधा और पारदर्शी लाभ मिल सकेगा।