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हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: इनेलो-बीएसपी गठबंधन में गोपाल कांडा का बड़ा ब्यान 

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए सियासी परिदृश्य में गुरुवार (12 सितंबर) को एक बड़ा उलटफेर हुआ। इनेलो-बीएसपी गठबंधन में अब गोपाल कांडा की पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) भी शामिल हो गई है। इस गठबंधन के साथ ही, गोपाल कांडा ने कुछ अहम बयान दिए हैं, जो हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं।
 
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: इनेलो-बीएसपी गठबंधन में गोपाल कांडा का बड़ा ब्यान

Haryana Assembly Elections : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए सियासी परिदृश्य में गुरुवार (12 सितंबर) को एक बड़ा उलटफेर हुआ। इनेलो-बीएसपी गठबंधन में अब गोपाल कांडा की पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) भी शामिल हो गई है। इस गठबंधन के साथ ही, गोपाल कांडा ने कुछ अहम बयान दिए हैं, जो हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं।

गोपाल कांडा का बड़ा बयान

बीजेपी से रिश्ता बरकरार: गोपाल कांडा ने अपने हालिया बयान में कहा कि वे भगवामय हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका बीजेपी से नाता टूटा नहीं है और वे हरियाणा में बीजेपी को समर्थन देने का इरादा रखते हैं।
सिरसा सीट का मुद्दा: कांडा ने सिरसा विधानसभा सीट को लेकर कहा कि अगर बीजेपी ने कहा होता तो वे अपनी सीट छोड़ने को तैयार थे। उनके मुताबिक, बीजेपी को यह पता है कि सिरसा सीट पर जीतने वाला उम्मीदवार कौन है।

गठबंधन की स्थिति

गठबंधन की संरचना: इनेलो, बीएसपी और हलोपा मिलकर हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाग लेंगी। इनेलो और बीएसपी का गठबंधन जुलाई में हुआ था, जिसमें इनेलो 53 सीटों और बीएसपी 37 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर चुकी है।
सीट बंटवारे की स्थिति: गोपाल कांडा ने इस बार बीजेपी से सिरसा और रानिया दो सीटें मांगी थीं, लेकिन दोनों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बात नहीं बन पाई। इसके बाद उन्होंने इनेलो-बीएसपी गठबंधन के साथ हाथ मिला लिया।

गोपाल कांडा की पार्टी का रुख

अनकंडीशनल सपोर्ट: कांडा ने कहा कि उनकी पार्टी आज भी एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) में है और बीजेपी को उनका अनकंडीशनल सपोर्ट जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री पद की कोई इच्छा नहीं है, और वे जनता के बीच जाकर काम के नाम पर चुनाव प्रचार करेंगे।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में गोपाल कांडा का इनेलो-बीएसपी गठबंधन में शामिल होना और उनकी बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा ने राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया है। इससे पहले, कांडा ने बिना किसी शर्त के बीजेपी और जेजेपी की गठबंधन सरकार को पूरा समर्थन दिया था। इस बार सीटों के बंटवारे की अनबन ने उन्हें इनेलो-बीएसपी गठबंधन में शामिल होने पर मजबूर किया।