हरियाणा बजट 2025 किन किन पर होगा मेहरबान! मुख्यमंत्री सैनी से कर्मचारियों और पेंशनरों को हैं बड़ी उम्मीदें

Haryana Budjet: हरियाणा के निवासियों की नजरें अब सैनी सरकार के आगामी बजट पर टिकी हुई हैं। किसानों, महिलाओं, युवाओं के साथ-साथ राज्य के सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स भी इस बजट से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पहले बजट से कर्मचारियों और पेंशनरों को कई राहतों की उम्मीद है, खासकर उनके लंबित मुद्दों के समाधान को लेकर।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांग है कि राज्य सरकार भी केंद्र सरकार की तरह आठवें वेतन आयोग का गठन करे। केंद्र सरकार ने पहले ही आठवें वेतन आयोग की स्थापना का ऐलान किया है, और अब कर्मचारियों की उम्मीद है कि राज्य सरकार भी ऐसा कदम उठाएगी।
इसके अलावा, राज्य में करीब 2 लाख सरकारी पद रिक्त हैं, जिन्हें भरने का वादा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किया था। हालांकि, अब तक इन पदों को भरने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कर्मचारी संगठन का आरोप है कि सरकार स्थायी पदों को भरने की बजाय अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती कर रही है, जो उनके अधिकारों का उल्लंघन है।
पेंशनरों के लिए समाधान की आवश्यकता
पेंशनरों को भी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार से कई महत्वपूर्ण कदम की उम्मीद है। पेंशनरों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए बार-बार चंडीगढ़ स्थित मुख्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके समाधान के लिए सरकार को जिला स्तर पर हेल्प डेस्क स्थापित करनी चाहिए, जिससे पेंशनरों को आसानी से सहायता मिल सके। साथ ही, पेंशनरों को सरकारी कमेटियों में शामिल कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
कोविड के दौरान फ्रीज किया गया डीए-डीआर
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के कृष्ण निर्माण ने भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। कोविड के दौरान कर्मचारियों का डीए (महंगाई भत्ता) और डीआर (पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत) फ्रीज कर दिया गया था, जिसे अब तक जारी नहीं किया गया है। कर्मचारियों ने कई बार इस मुद्दे पर सरकार से आश्वासन प्राप्त किया है, लेकिन अब तक इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ है।
कैशलेस इलाज की सुविधा
कर्मचारियों ने सरकार से सभी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान करने की मांग की है। यदि यह संभव नहीं है, तो मेडिकल अलाउंस में वृद्धि की जानी चाहिए।
पुरानी पेंशन बहाली
राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और हिमाचल प्रदेश की तरह हरियाणा सरकार को एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) के स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करना चाहिए। इसके लिए बजट में अलग से प्रावधान किया जाना चाहिए।
न्यूनतम वेतन में वृद्धि
कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम वेतन में वृद्धि की जाए और यह कम से कम 26,000 रुपये होना चाहिए।
एचआरए स्लैब में बदलाव
केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य कर्मचारियों के लिए एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) स्लैब में बदलाव किया जाना चाहिए। यह 10%, 20%, और 30% के नए स्लैब के रूप में हो सकता है।
हरियाणा बजट 2025 की उम्मीदें
हरियाणा राज्य कर्मचारियों के लिए यह बजट बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से उनकी लंबित मांगों पर विचार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का यह पहला बजट है, और इसमें कर्मचारियों, पेंशनरों और आम जनता के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं।