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हरियाणा में 12वीं पास युवाओं की हुई बल्ले-बल्ले, CM सैनी ने कर दिया ये बड़ा ऐलान

 
 

Haryana News: हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में संस्कार शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा कर शिक्षा क्षेत्र में अनूठा कदम उठाया है। यह पहल नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तहत कार्यान्वित की जा रही है जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को न केवल किताबी ज्ञान प्रदान करना है, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, नैतिकता और सामाजिक मूल्यों से जोड़ना भी है। नई व्यवस्था के तहत विद्यार्थियों में नैतिक शिक्षा, अनुशासन और आत्मनिर्भरता की भावना विकसित करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।

केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़ ने कहा कि यह परियोजना संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता मिशन के तहत संचालित की जाएगी।

संस्कार शिक्षक प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति से जुड़े संस्कार, नैतिकता और मूल्यों की शिक्षा देंगे। इस पहल का उद्देश्य बच्चों में चरित्र निर्माण, सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देना है।

न्यूनतम योग्यता 12वीं पास हरियाणा सरकार ने कर्मकाण्ड अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी है। अधिकाधिक महिलाओं को इस क्षेत्र में शामिल होने के लिए सक्षम बनाने हेतु महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण (33% Reservation for Women) दिया जाएगा।

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नियुक्ति के लिए आवश्यक योग्यताएं इस प्रकार हैं: आवेदक कम से कम 12वीं पास होना चाहिए (न्यूनतम योग्यता: 12वीं पास)।

आयु सीमा 18 से 42 वर्ष के बीच है।

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और भूतपूर्व सैनिकों को 3 वर्ष की आयु में छूट मिलेगी।

चयनित अभ्यर्थियों को प्रतिदिन 2 घंटे सेवाएं प्रदान करनी होंगी।

इसके बदले उन्हें 9240 रुपये प्रति माह (वेतन: ₹9240 प्रति माह) का भुगतान किया जाएगा।

स्कूल आवंटन एवं कार्य प्रणाली हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि चयनित संस्कार अध्यापकों को उसी गांव के स्कूल में पढ़ाने का मौका मिलेगा। यदि किसी गांव में एक ही स्कूल है तो शिक्षण कार्य वहीं किया जाएगा। लेकिन यदि एक से अधिक स्कूल हैं, तो उन्हें अलग-अलग दिन या अलग-अलग समय पर सेवाएं देनी होंगी। इससे बच्चों को सुविधा होगी और शिक्षकों को यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।

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सरकार शिक्षण को रोचक और प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियों को शामिल करने की योजना बना रही है। छात्रों को लोकगीतों, पौराणिक कथाओं, नैतिक शिक्षा और भारतीय परंपराओं से परिचित कराया जाएगा।

भर्ती प्रक्रिया की निगरानी के लिए 7 सदस्यीय समिति सरकार इस योजना की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए 7 सदस्यीय समिति का गठन करेगी। समिति में ऐसे सदस्य शामिल होंगे जो सामाजिक कार्यों से जुड़े हों और जिनकी शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 12वीं पास हो। यह समिति स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) से अलग होगी, लेकिन यदि एसएमसी सदस्य इच्छुक हों और सभी शैक्षणिक मानदंडों को पूरा करते हों, तो उन्हें शामिल किया जा सकता है।

कर्मकाण्ड शिक्षकों की नियुक्ति से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को नई दिशा मिलेगी। ये शिक्षक उन्हें देशभक्ति, नैतिकता, भारतीय सभ्यता और सामाजिक मूल्यों के प्रति जागरूक करेंगे। इसके अलावा, बच्चों में अनुशासन, आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान विकसित करने के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली में नैतिक शिक्षा की कमी के कारण बच्चों में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना कम हो रही है। हरियाणा सरकार की पहल से शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है।

हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में संस्कार शिक्षकों की नियुक्ति के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इसके अंतर्गत बच्चों को लोकगीत, लोकनृत्य, नाटक और भारतीय परंपराओं से जोड़ा जाएगा।

छात्रों को गुरुकुल प्रणाली के सिद्धांतों को शामिल करते हुए श्लोक, मंत्रोच्चार और भारतीय दर्शन सिखाया जाएगा।

प्रत्येक स्कूल में हर सप्ताह नैतिक शिक्षा सत्र आयोजित किये जायेंगे।

विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा सरकार की योजना देश भर में एक नया उदाहरण स्थापित कर सकती है। यदि यह योजना सफल होती है तो अन्य राज्य भी यही मॉडल अपना सकते हैं और अपने स्कूलों में अनुष्ठान शिक्षकों की नियुक्ति कर सकते हैं।

यह पहल बच्चों को आधुनिक और पारंपरिक शिक्षा का संतुलित मिश्रण प्रदान करेगी, जिससे वे संस्कृति, नैतिकता और आधुनिकता के बीच संतुलन बना सकेंगे।

हरियाणा सरकार जल्द ही इस योजना की आधिकारिक अधिसूचना जारी करेगी, जिसमें ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया, चयन प्रक्रिया और पाठ्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे सरकार के शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखें ताकि वे समय पर आवेदन कर सकें।