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हरियाणा के किसानों को मिली बड़ी खुशखबरी, ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का अब मुआवजा देगी हरियाणा सरकार; डिप्टी CM ने कह दी बड़ी बात 

 
Haryana News:

Haryana News: डिप्टी सीएम, जिनके पास राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का भी प्रभार है, रविवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। डिप्टी सीएम ( Deputy CM ) ने कहा कि जब भी किसानों की फसलें प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुई हैं, राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि 2019 से 2024 तक लगभग 1600 करोड़ रुपये किसानों के बैंक खाते में भेजे गए हैं. पिछले एक साल से किसानों को डीबीटी के माध्यम से मुआवजा दिया जा रहा है.

दुष्यंत चौटाला ( Dushyant Chautala) ने कहा कि हरियाणा सरकार देश का पहला आधुनिक रिकॉर्ड रूम स्थापित करने में सफल रही है. उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले राज्य सरकार ने जिला स्तर पर राजस्व विभाग के डिजिटल रिकॉर्ड रूम स्थापित करने की शुरुआत की थी. दुष्यंत चौटाला ने बताया कि एफसीआर कार्यालयों, मंडल स्तर और उपमंडल कार्यालयों के राजस्व रिकॉर्ड को 31 मार्च के निर्धारित लक्ष्य तक पूरी तरह से डिजिटल कर दिया जाएगा और कानूनगो और पटवारखाने के रिकॉर्ड को भी इस साल के अंत तक डिजिटल कर दिया जाएगा, जिसके बाद लोग इसके बजाय ढूंढ रहे हैं। उनकी जमीन, राजस्व आदि के पुराने दस्तावेज एक क्लिक पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि 2024 के अंत तक राज्य का राजस्व रिकॉर्ड 100 फीसदी डिजिटल हो जायेगा.

डिप्टी सीएम ने कहा कि राज्य में कुल 125 गांवों में चकबंदी का काम बेहतरीन रहा, कई बार अधिकारियों की बैठक कर जिम्मेदारी ली गयी, इससे काम में तेजी आयी और आज सिर्फ 54 गांव चकबंदी से बचे हैं. उन्होंने कहा कि मुकदमेबाजी के मामलों को छोड़कर सभी बकाया गैर-मुकदमा वाले गांवों में चकबंदी का कार्य इस वर्ष पूरा कर लिया जाएगा।

राज्य में बढ़ते राजस्व पर संतोष व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में जहां स्टाम्प ड्यूटी से 6,200 करोड़ रुपये एकत्र हुए, वहीं नागरिकों को सुविधाएं प्रदान करने से सरकार ने अब तक लगभग 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया है। पुरा होना। भुगतान कर दिया गया है, जबकि फरवरी और मार्च के महीने अभी राजस्व में शामिल होने बाकी हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने स्टाम्प शुल्क दर में भी वृद्धि नहीं की, फिर भी राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।