हरियाणा में जमीन मालिकों की हो गई मौज, हरियाणा सरकार ने किया 4 गुना मुआवजा का ऐलान

Haryana : हरियाणा सरकार ने बड़ा फैंसला लिया हैं। अब जमीन अधिग्रहण के बदले भूमि मालिकों को 4 गुना ज्यादा कीमत मिलेगी। पहले के समय जमीन के मालिकों को सिर्फ 2 गुना मुहावजा मिलता था। अब हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया हैं की जमीन के मालिकों को 4 गुना ज्यादा कीमत दी जाएगी जिससे अधिग्रहण से जुड़े विवादों से भी मुक्ति मिलेगी।
हरियाणा सरकार ने ये फैंसला 2 दिन पहले हुई मीटिंग में लिया हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने 25 नवंबर 2021 को अधिसूचित नीति में बदलाव के आदेश जारी कर दिए हैं. इस नीति का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों और उनकी संस्थाओं द्वारा अलग- अलग मानदंड अपनाने के कारण होने वाली कानूनी जटिलताओं से बचना है.नीति में संशोधन के अनुसार भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन और पुनर्स्थापन के मामलों में मुआवजा उस राशि के बराबर हो जाएगा जो केंद्रीय अधिनियम के तहत भूमि अधिग्रहण पर सरकारी संस्थाएं भूस्वामियों को देती हैं.
बिल्डरों और निजी इकाई द्वारा खरीदी गई भूमि को इच्छित उपयोग में लाने से पहले संबंधित कानून के तहत निर्धारित शुल्क और प्रभार की वसूली के अधीन किया जायेगा.इसलिए कृषि प्रयोजनों के लिए निर्धारित कलेक्टर रेट को लाभार्थी से वसूली जाने वाली 4 गुना राशि की गणना के लिए बेंचमार्क के रूप में उपयोग किया जायेगा. यह भूमि के अंतिम इच्छित उपयोग की परवाह किए बिना लागू होगा, क्योंकि निर्धारित शुल्क और प्रभार की वसूली पर संबंधित कानून के तहत आवश्यक अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया का अलग से पालन किया जायेगा.राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की कठिनाइयों को दूर करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए पुरानी नीति के खंड 5(iii)(C) में संशोधन किया गया है.
इसके अनुसार, यदि संबंधित बिल्डर और निजी संस्था संदर्भित भूमि के विक्रय विलेखों के पंजीकरण के लिए नवीनतम कलेक्टर रेट की चार गुना राशि या राजस्व संपदा में उसी प्रकार की भूमि और अचल संपत्ति से संबंधित पिछले वर्ष में उच्चतम राशि के दो विलेखों का औसत, जो भी अधिक हो, देने के लिए तैयार है तो संबंधित विभाग या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा सीएम के अनुमोदन से उचित फैसला लिया जा सकता है. यह केवल सरकार या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा की गई बिक्री पर लागू होगा. संबंधित बिल्डर और निजी संस्था को देय राशि के 25% के साथ संगठन/विभाग के प्रमुख को प्रस्ताव पर अपनी सहमति दर्शाते हुए ऐसा आवेदन करना होगा.