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हरियाणा के सीएम नायब सैनी के विरुद्ध कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन, जानिए क्या हैं पूरा मामला 

हरियाणा के सीएम नायाब सिंह सैनी को लेकर कर्मचारियों ने मोर्चा निकाला हैं। दरसल सीएम सैनी ने कुछ समय पहले यूनिफाइड पेंशन स्कीम योजना शुरू की थी। इस योजना के फैन्सले को लेकर कई कर्मचारी नाराज हो गए जिसके कारण बहुत कर्मचारियों ने नायाब सिंह सैनी का विरोध प्रदर्शन किया था। 
 
हरियाणा के सीएम नायब सैनी के विरुद्ध कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन, जानिए क्या हैं पूरा मामला 

Haryana Breaking News : हरियाणा के सीएम नायाब सिंह सैनी को लेकर कर्मचारियों ने मोर्चा निकाला हैं। दरसल सीएम सैनी ने कुछ समय पहले यूनिफाइड पेंशन स्कीम योजना शुरू की थी। इस योजना के फैन्सले को लेकर कई कर्मचारी नाराज हो गए जिसके कारण बहुत कर्मचारियों ने नायाब सिंह सैनी का विरोध प्रदर्शन किया था। 

कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों से बातचीत किए बिना एकतरफा रूप से यूपीएस लागू करने का निर्णय लिया है। सुभाष लांबा ने दावा किया कि सरकार ने कर्मचारियों को नए पेंशन योजना (एनपीएस) और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के बीच चुनने का विकल्प देने का निर्णय लिया था। इसको जनवरी 2006 से लागू किया जाना था। लेकिन अब सरकार ने अपने वादे से पीछे हटते हुए प्रतीत हो रही थी। उन्होंने कहाकि अगर वास्तव में सरकार को कर्मचारियों के हक की चिंता है तो उन्हें ओपीएस, एनपीएस और यूपीएस के बीच चुनने का विकल्प देना चाहिए।

लांबा ने कहाकि केंद्रीय व्यापार संघों और केंद्रीय तथा राज्य सरकार के कर्मचारियों के संघों ने 9 जुलाई को हड़ताल का ऐलान किया है। हमारी मुख्य मांग पुरानी पेंशन फिर से लागू करना है। सुभाष लांबा के मुताबिक यूपीएस लागू करने के एकतरफा फैसले के खिलाफ पेंशन बहाली संघर्ष समिति समेत राज्य के सभी कर्मचारी संगठन शामिल हैं। यह सभी 9 जुलाई की हड़ताल को एकजुटता के साथ सफल बनाकर सरकार को उचित जवाब देंगे। लांबा ने कहाकि ओपीएस में कर्मचारी की पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं हुई। केवल जीपीएफ की राशि काटी गई और सरकार इस राशि को देश के विकास के लिए खर्च कर सकती है। 

दूसरी तरफ यूपीएस में कर्मचारी के वेतन से 10 फीसदी काटा जाएगा और 18.5 फीसदी सरकार द्वारा दिया जाएगा। सरकार इस राशि को खर्च नहीं कर सकती। इसे निजी क्षेत्र में निवेश करना होगा। सुभाष ने आगे कहाकि ओपीएस में रिटायरमेंट ग्रैच्युटी 20 लाख रुपए तक थी। इसके अलावा, ओपीएस में, पेंशनधारियों और उनके आश्रितों को चिकित्सा सुविधा मिलती थी जबकि यूपीएस पेंशनधारियों को यह सुविधा नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट था कि एनपीएस और यूपीएस कॉर्पोरेट घरानों के लाभ के लिए थे।