हरियाणा सरकार ने आम जनता को किया निहाल! रोडवेज बसों में सफर कर दिया फ्री, नहीं लगता एक रुपया भी किराया
Haryana News : चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है. इसका ऐलान होते ही सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो चुके हैं और इस बार जीत हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. इस बीच हम आपको हरियाणा में चलने वाली एक ऐसी योजना के बारे में बताएंगे, जिसका तोड़ अभी तक देश के अन्य किसी राज्य में नहीं शुरू हुआ है. प्रदेश के लाखों गरीबों को फायदा पहुंचा रही यह योजना अपने आप में अनूठी है. अभी तक आपने फ्री राशन, पेंशन और मकान, शौचालय मिलने की योजनाएं खूब देखी होंगी, लेकिन हरियाणा की यह योजना अपने आप में यूनिक है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं प्रदेश में चलने वाली हैप्पी कार्ड योजना (Happy Card Yojana) की. जैसा इसका नाम है, काम भी वैसा ही है. एक बार यह कार्ड किसी का बन जाए तो फिर वह हैप्पी ही हो जाता है. इस योजना के तहत प्रदेश की रोडवेज बसों में हर साल 1000 किलोमीटर तक फ्री यात्रा की जा सकती है. हर साल एक हजार किलोमीटर मुफ्त यात्रा का लाभ उठाने वालों की संख्या अब तक लाखों में पहुंच चुकी है.
कितने लोगों ने उठाया फायदा
योजना की शुरुआत 2024 में ही हुई है और अभी तक महज कुछ ही महीनों के भीतर करीब 22 लाख परिवारों को इसका फायदा मिल चुका है. इसका पूरा नाम है हरियाणा अंत्योदय परिवार परिवहन योजना (HAPPY), जो हर साल रिन्यू हो जाती है. योजना की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2 नवंबर, 2023 को की थी, जबकि इसे 23 फरवरी, 2024 को प्रदेश में लागू किया गया. योजना के तहत प्रदेश के करीब 85 लाख लोगों इसका फायदा मिलेगा.
किसे मिलता है हैप्पी कार्ड
प्रदेश के ऐसे परिवार जिनकी सालाना आमदनी 1 लाख रुपये या उससे कम है, उन्हें ही हैप्पी योजना के लिए पात्र माना गया है. इस कार्ड को बनवाने के लिए राज्य की आधिकारिक रोडवेज वेबसाइट hrtransport.gov.in पर जाकर फॉर्म भरना होता है. इसके लिए परिवार पहचान पत्र और आधार कार्ड लगते हैं. आवेदन के बाद दी गई जानकारियों की जांच-पड़ताल होती है और इसका सत्यापन होने के बाद संबंधित डिपो से 15 दिनों के भीतर हैप्पी कार्ड प्राप्त हो जाता है.
कितने रुपये आता है खर्च
इस कार्ड को बनवाने के लिए लोगों को आवेदन के समय ही 50 रुपये का शुल्क जमा करना पड़ता है. आपको बता दें कि कार्ड की लागत वैसे तो 109 रुपये है, जिसके रखरखाव पर सालाना 79 रुपये का खर्चा आता है. यह दोनों लागत यानी करीब 188 रुपये प्रति कार्ड की लागत भी प्रदेश सरकार ही वहन करती है. हरियाणा रोडवेज की बसों में कंडक्टर को यह कार्ड दिखाकर मुफ्त यात्रा की जा सकती है. योजना के तहत 10 साल से कम के बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को भी लाभ दिया जाता है.