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haryana patwari strike: पटवारियों ने दिखाए सख्त तेवर,लिया आर-पार की लड़ाई का फ़ैसला, देखे पूरा मामला

 
haryana patwari strike:

Patwari strike 2024: वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता विफल होने के बाद जहां हड़ताल सात फरवरी तक बढ़ा दी गई है, वहीं आने वाले दिनों में राजस्व संबंधी कार्यों के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। पटवारियों की हड़ताल से देश को करीब 400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वार्ता विफल होने के बाद पटवारियों ने अपना रुख कड़ा कर लिया है(patwari strike in haryana) और अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है.

वेतन विसंगतियों समेत कई मांगों को लेकर 3 जनवरी से पटवारी और वकील हड़ताल पर हैं और लघु सचिवालय परिसर में लगातार धरना दे रहे हैं. अधिकारियों से वार्ता विफल होने के बाद पटवारियों ने सरकार से सीधी वार्ता की मांग की है. उनकी हड़ताल को कई गांवों के सरपंचों ने समर्थन दिया। हड़ताली पटवारियों रामभगत और जोगेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि अधिकारियों की बजाय सरकार से उनकी बातचीत से कोई समाधान निकल सकता है.

उन्होंने कहा कि उनकी हड़ताल से राजस्व विभाग को जो नुकसान हुआ है, उसके लिए शीर्ष अधिकारी भी जिम्मेदार हैं. उन्होंने हड़ताल को 7 फरवरी तक बढ़ा दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को हो रही असुविधा के लिए उन्हें खेद है, लेकिन वे जनहित और आम लोगों की समस्याओं के लिए मैदान में हैं और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

कोई समाधान नहीं हो रहा

हरियाणा में जनवरी से ही पटवारी हड़ताल और धरना दे रहे हैं पटवार भवन पर ताला लगा हुआ है। पटवारी की सरकार से कई दौर की बातचीत हुई लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। पटवारियों का कहना है कि सरकार पटवारियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत या अनुबंध के तहत रखना चाहती है, यह सरासर गलत है, क्योंकि एक पटवारी के पास डेढ़ साल की ट्रेनिंग होती है। तब जाकर पटवारी काम सीखता है। पटवारी के पास राजस्व का काम होता है जो बहुत ही जिम्मेदारी वाला काम होता है। यदि नये लोग, जिनके पास प्रशिक्षण नहीं होगा और कच्चे होंगे, काम ठीक से नहीं कर पायेंगे। वे रिकॉर्ड को अव्यवस्थित कर देंगे, जिससे लोगों को अदालत जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

वहीं एक फरवरी से पटवारियों को खेतों की गिरदावरी करनी थी, जो पटवारी नहीं कर रहे हैं। आने वाले सीजन में किसानों को नुकसान होगा. सरकार हमारी मांगों को जल्द पूरा करे ताकि हम कम लौट सकें और लोगों को इससे राहत मिल सके.