Khelorajasthan

 हरियाणा में यमुनानगर में सुपर क्रिटिकल यूनिट की स्थापना, 7272 करोड़ का बड़ा निवेश

हरियाणा सरकार ने एक बड़ी घोषणा करते हुए यमुनानगर में सुपर क्रिटिकल यूनिट की स्थापना की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई हाई पावर वर्क्स परचेज कमेटी (HPWPC) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस परियोजना के तहत यमुनानगर में 800 मेगावाट कोयला आधारित बिजली का उत्पादन होगा, जो राज्य की बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करेगा और ऊर्जा क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित होगा।
 
 हरियाणा में यमुनानगर में सुपर क्रिटिकल यूनिट की स्थापना, 7272 करोड़ का बड़ा निवेश

Haryana News : हरियाणा सरकार ने एक बड़ी घोषणा करते हुए यमुनानगर में सुपर क्रिटिकल यूनिट की स्थापना की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई हाई पावर वर्क्स परचेज कमेटी (HPWPC) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस परियोजना के तहत यमुनानगर में 800 मेगावाट कोयला आधारित बिजली का उत्पादन होगा, जो राज्य की बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करेगा और ऊर्जा क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित होगा।

परियोजना का महत्व

सुपर क्रिटिकल यूनिट की स्थापना से प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे न केवल बिजली आपूर्ति में सुधार होगा, बल्कि राज्य की औद्योगिक और घरेलू जरूरतों को भी पूरा किया जा सकेगा। इस परियोजना के निर्माण में अनुमानित 7272 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) द्वारा पूरा किया जाएगा।

परियोजना की टाइमलाइन

इस परियोजना पर कार्य 1 अप्रैल 2025 से शुरू होगा।अनुमानित रूप से यह परियोजना ढाई साल में पूरी होगी और 2027 तक इस परियोजना का संचालन शुरू हो जाएगा।इस परियोजना को पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है, जिससे इसे समय पर शुरू करने में कोई अड़चन नहीं होगी।

सुपर क्रिटिकल यूनिट का योगदान

सुपर क्रिटिकल यूनिट तकनीकी दृष्टि से अत्यधिक कुशल है। इसका कार्य अत्यधिक दबाव और तापमान पर होता है, जिससे कोयला जलाने के दौरान ऊर्जा की अधिकतम उपलब्धता होती है। इस तकनीक के माध्यम से ऊर्जा की खपत कम होती है और पर्यावरणीय प्रभाव भी न्यूनतम रहता है।

सुपर क्रिटिकल यूनिट के लाभ

इस यूनिट के जरिए 800 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा, जिससे राज्य की बिजली आपूर्ति में मजबूती आएगी।सुपर क्रिटिकल तकनीक में ऊर्जा उत्पादन अधिक प्रभावी तरीके से होता है, जिससे कोयला जलाने में कम खर्च होता है।इस परियोजना में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जो कि भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र में अन्य परियोजनाओं के लिए आदर्श साबित हो सकता है।इस परियोजना के निर्माण और संचालन से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर इस परियोजना की जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस यूनिट की स्थापना से राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में नई दिशा मिलेगी। उन्होंने इस परियोजना के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को शुभकामनाएं दी और बताया कि यह परियोजना प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।