Hike: फिटमेंट फैक्टर के आधार पर बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी, एक समाना फिटमेंट फैक्टर होगा लागू

Salary Hike 2025 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। सरकारी कर्मचारियों के मन में सबसे अहम सवाल यह है कि 8वें वेतन आयोग के तहत उनकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी। विशेषज्ञ अपने-अपने अलग-अलग अनुमान लगा रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि वेतन वृद्धि को लेकर वास्तविक स्थिति आयोग की सिफारिशों के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी। इस बीच, राष्ट्रीय परिषद-संयुक्त सलाहकार समिति के शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि सभी वेतन बैंडों के लिए समान फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाना चाहिए।
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एनसी-जेसीएम की भूमिका जानकारी के लिए बता दें कि सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने में एनसी-जेसीएम प्रमुख भूमिका निभाता है। यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि एनसी-जेसीएम एक आधिकारिक निकाय है, जिसमें नौकरशाह और कर्मचारी यूनियनों के नेता शामिल हैं। इनका मुख्य कार्य वेतन एवं अन्य मुद्दों पर सरकार और कर्मचारियों के बीच संवाद स्थापित करना और समाधान ढूंढना है।
राष्ट्रीय परिषद-संयुक्त परामर्शदात्री मशीनरी के शिव गोपाल मिश्रा ने एक बिजनेस मीडिया आउटलेट को बताया, "चाहे वह वेतन बैंड 1 हो या 4, फिटमेंट फैक्टर सभी के लिए समान होना चाहिए और यह वह मांग है जो वे 8वें वेतन आयोग के समक्ष रखेंगे।
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फिटमेंट फैक्टर का क्या है योगदान फिटमेंट फैक्टर कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने में अपनी मुख्य भूमिका निभाता है। जानकारी के लिए बता दें कि फिटमेंट फैक्टर वेतन संशोधन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अनुपात है, जो वेतन वृद्धि को निर्धारित करता है।
सातवें वेतन आयोग में विभिन्न वेतन बैंडों के लिए अलग-अलग फिटमेंट कारक निर्धारित किए गए थे। एनसी-जेसीएम का मानना है कि सभी कर्मचारियों को समान लाभ प्रदान करने के लिए इस अंतर को समाप्त किया जाना चाहिए। एनसी-जेसीएम का मानना है कि यदि आईओआर लागू नहीं किया गया होता, तो निचले वेतन बैंड के कर्मचारियों को अधिक लाभ मिल सकता था।