हिसार-डबवाली हाईवे 200 करोड़ का बजट हुआ पास , सरकार ने दी अनुमति
Hisar News : वर्ष 2017 में बनाने के बाद अब इसको फिर से नया रंग रूप दिया जाएगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने हाईवे के पुनर्निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है। पूरे कार्य पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह हाईवे करीब 140 किलोमीटर लंबा है और तीन जिलों से होकर गुजरता है, जिसमें हिसार, फतेहाबाद व सिरसा शामिल हैं।
हाईवे पर हिसार जिले के ढंढूर, चिकनवास व अग्रोहा, फतेहाबाद जिले के भोड़ा होसनाक, खारा खेड़ी, बड़ोपल, धांगड़, दरियापुर, ढाणी चाननवाली और सिरसा जिले के डिंग, मोरीवाला, खैरेकां, पंजुआना, साहूवाला, पन्नीवाला मोटा, ओढ़ा, चोरमारखेड़ा, खुईयां मलकाना आदि गांव पड़ते हैं। जिस एजेंसी को टेंडर दिया गया है, उसे हाईवे के पुनर्निर्माण के साथ-साथ 5 साल तक रखरखाव भी करना होगा। इस दौरान एजेंसी मेन रोड, सर्विस रोड के साथ बरसाती नाले का निर्माण भी करेगी।
फिलहाल मेन रोड व सर्विस रोड जगह-जगह टूटी हुई है। वहीं रोड किनारे बनाए गए नाले भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हिसार-रोहतक नेशनल हाईवे के पुनर्निर्माण के लिए भी जल्द टेंडर लगाया जाएगा। इस हाईवे के बनने के बाद से कोई कार्य नहीं किया गया है। हिसार से रोहतक तक इसकी लंबाई करीब 90 किलोमीटर है। घोड़ा फार्म रेलवे
शहर में घोड़ा फार्म रेलवे फाटक पर प्रस्तावित रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के निर्माण पर 55 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
अधिकारियों ने आरओबी का खर्च आकलन मुख्यालय भेज दिया है। इसके आधार पर निर्माण कार्य की प्रशासनिक मंजूरी मिलेगी। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2016 में इस आरओबी को बनाने की घोषणा की थी। इसके बनने से साउथ बाईपास रेलवे फाटक मुक्त हो जाएगा, इससे हजारों वाहन चालकों को फायदा होगा। बता दें कि बीएंडआर ने जून 2021 में आरओबी की ड्राइंग को रेलवे के पास मंजूरी के लिए भेजा था। मगर ड्राइंग पास करवाने के लिए नियुक्त सलाहकार की कार्यप्रणाली ठीक न रहने की वजह से यह पास नहीं हो सकी। आखिर में अधिकारियों ने सलाहकार पर क्लॉज 3 लगाकर उसे हटा दिया और नए सलाहकार को नियुक्त किया। उनसे जुलाई में ड्राइंग को मंजूर करवाया।
साउथ बाईपास पर तीन रेलवे फाटक है। इनमें से सेक्टर 16-17 रेलवे फाटक पर आरओबी बन चुका है और सातरोड के पास आरओबी का निर्माण जारी है। घोड़ा फार्म रेलवे फाटक पर आरओबी बनने से यह बाईपास फाटक मुक्त हो जाएगा। फिलहाल इस बाईपास से प्रतिदिन 10 हजार वाहन गुजरते हैं। पहले एचएसवीपी, बाद में बीएंडआर मुख्यालय से मंजूरी में आई थी परेशानी
आरओबी की ड्राइंग पास करवाने को लेकर अगस्त 2017 में कंसलटेंट नियुक्त किया गया था। आरओबी के निर्माण के लिए सबसे पहले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की मंजूर की जरूरत पड़ी, क्योंकि इसके निर्माण में शिक्षण संस्थानों के लिए छोड़ी गई जमीन व 45 फुट सड़क आड़े आ रही थी।
इसे देखते हुए बीएंडआर ने ड्राइंग में कुछ फेरबदल किए। इसके बाद एचएसवीपी मुख्यालय ने आरओबी निर्माण को मंजूरी दे दी थी। फिर बीएंडआर ने ड्राइंग बनवाकर मंजूरी के लिए मुख्यालय भेजी तो यहां आरओबी में दिए गए 22 डिग्री के घुमाव पर आपत्ति जता दी। मगर स्थानीय अधिकारियों ने इस बारे में मुख्यालय को संतुष्ट कर दिया कि यह घुमाव पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। इसके बाद मुख्यालय ने भी अपनी मंजूरी दे दी।