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दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर हुआ भीषण सड़क हादसा, गाँव वालों ने दिया धरना अब तक शव को नहीं लगाया हाथ 

 ग्रामीणों की मांग थी गांवों में जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग नहीं होने से हादसे होते है। हमें मजबूर होकर रोड पार करना पड़ती है। मामला जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर का है। ग्राम पंचायत भग्गासेलोत अंतर्गत गांव खेड़ी निवासी वालचंद (35) पिता हरचंद डोडियार की रविवार शाम 7 बजे करीब अपने खेत से सोयाबीन कटाई कर 8 लेन एक्सप्रेस वे पार कर पैदल घर जा रहा था। तभी अज्ञात कार चालक ने टक्कर मार कर फरार हो गया। 
 
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर हुआ भीषण सड़क हादसा, गाँव वालों ने दिया धरना अब तक शव को नहीं लगाया हाथ

Delhi-Mumbai expressway : ग्रामीणों की मांग थी गांवों में जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग नहीं होने से हादसे होते है। हमें मजबूर होकर रोड पार करना पड़ती है। मामला जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर का है। ग्राम पंचायत भग्गासेलोत अंतर्गत गांव खेड़ी निवासी वालचंद (35) पिता हरचंद डोडियार की रविवार शाम 7 बजे करीब अपने खेत से सोयाबीन कटाई कर 8 लेन एक्सप्रेस वे पार कर पैदल घर जा रहा था। तभी अज्ञात कार चालक ने टक्कर मार कर फरार हो गया। 

युवक की मौके पर ही मौत हो गई। रात में काफी देर तक घर नहीं पहुंचने पर परिजन तलाश करते हुए सड़क किनारे पहुंचे। जहां वह मृत अवस्था में मिला।  रात में ही शव को रतलाम मेडिकल कॉलेज भेजा गया। सोमवार दोपहर पीएम होने के बाद परिजन व ग्रामीण गांव शव लेकर एक्सप्रेस वे पर पहुंच गए। सड़क के बीच शव रख चक्काजाम कर दिया। जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशु निनाना भी पहुंचे। 

वह भी ग्रामीणों के साथ सड़क पर बैठ गए। करीब दो घंटे तक ग्रामीण सड़क पर बैठे रहे। चक्काजाम की सूचना पर सैलाना एसडीएम मनीष जैन, समेत रावटी व सैलाना थाना प्रभारी, एनएचएआई के अधिकारी पहुंचे। काफी देर तक समझाने के बाद वैकल्पिक मार्ग बनाने व आर्थिक सहायता देने के आश्वासन प रमाने। शाम 5 बजे बाद युवक का गांव में अंतिम संस्कार किया। ग्रामीणों का कहना था कि एक्सप्रेस वे बनाने के दौरान आसपास के गांवों के खेतों में आने-जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग नहीं बनाया गया। जबकि निर्माण के दौरान वैकल्पिक मार्ग बनाने का वादा किया था। मजबूरी में एक्सप्रेस वे से होकर निकलना पड़ता है। पूर्व में इसी स्थान पर दो हादसे हो चुके है।