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हरियाणा के इन कर्मचारियों की सेलरी में बढ़ोतरी! सैनी सरकार ने बुलाई एडवाइजरी बोर्ड की बैठक

 
 
Salary Hike Haryana

Haryana News: हरियाणा सरकार (Haryana Government) श्रमिकों और कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करने की योजना बना रही है। बढ़ती महंगाई और श्रमिक संगठनों के दबाव के चलते सरकार ने न्यूनतम मजदूरी वृद्धि पर सलाहकार बोर्ड की बैठक 5 मार्च को निर्धारित की है। राज्य के श्रमिक संगठनों का कहना है कि वर्तमान वेतन गुजारा करने के लिए पर्याप्त नहीं है और इसे बढ़ाकर 25,000 रुपये से अधिक किया जाना चाहिए।

हरियाणा में इस समय अकुशल (Unskilled) श्रमिकों को ₹11,001 मासिक वेतन मिल रहा है, जबकि कुशल (Skilled) कर्मचारियों को ₹12,736 और ₹13,372 का भुगतान किया जा रहा है। वहीं, उच्च कुशल (Highly Skilled) कर्मचारियों के लिए यह राशि ₹14,041 तक जाती है। विभिन्न श्रमिक संगठनों ने सरकार पर दबाव बनाया है कि यह वेतन पर्याप्त नहीं है, क्योंकि रोज़मर्रा की ज़रूरतों की लागत में भारी वृद्धि हो रही है।

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भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के अलावा अन्य संगठनों ने भी महंगाई को देखते हुए वेतन बढ़ोतरी की मांग की है। इन संगठनों का कहना है कि हरियाणा जैसे औद्योगिक राज्य में न्यूनतम मजदूरी दरों की तुलना अन्य विकसित राज्यों से की जानी चाहिए।

हरियाणा में न्यूनतम वेतन की समीक्षा वर्ष में दो बार की जाती है। श्रम विभाग उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर इन मजदूरी दरों में संशोधन करता है। यदि मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो सरकार मजदूरी बढ़ाने के लिए बाध्य होती है।

राज्य कर्मचारी संघ और सीआईटीयू (भारतीय ट्रेड यूनियनों का केंद्र) ने हाल ही में सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखी हैं। ट्रेड यूनियनों ने तर्क दिया कि यदि केंद्र और राज्य सरकारें वास्तव में श्रमिकों के कल्याण के प्रति गंभीर हैं, तो उन्हें न्यूनतम वेतन बढ़ाकर ₹25,000-₹26,000 कर देना चाहिए।

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तीन दिन पहले भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने सरकार से न्यूनतम वेतन में तत्काल संशोधन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 11,000-14,000 रुपये का वेतन श्रमिकों के लिए बहुत कम है।

श्रम मंत्री अनिल विज ने हाल ही में सार्वजनिक तौर पर कहा था कि सरकार श्रमिकों और कर्मचारियों के हित में काम कर रही है। हालाँकि, श्रमिक संगठन इस बयान से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि सिर्फ बयानबाजी से काम नहीं चलेगा, बल्कि सरकार को जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठाने होंगे।

सीआईटीयू की मांग सीआईटीयू की हरियाणा इकाई ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। सीटीयू के राज्य महासचिव जयभगवान, उपाध्यक्ष सतबीर सिंह और कोषाध्यक्ष विनोद कुमार ने मंगलवार को श्रम आयुक्त मनीराम शर्मा और अतिरिक्त श्रम आयुक्त अनुराधा लांबा से मुलाकात की।

सीटू ने मांग रखी कि हरियाणा में श्रमिकों को कम से कम 26,000 रुपये मासिक वेतन मिलना चाहिए। सीटीयू नेताओं का कहना है कि हरियाणा में औद्योगिक उत्पादन और राजस्व बढ़ रहा है, लेकिन श्रमिकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।