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जयपुर जंक्शन के पुनर्विकास के कार्य में बढ़ाई गई तेजी, 2 हजार किलोवाट क्षमता का लगेगा सोलर प्लांट

राजस्थान में निर्माण कार्य में स्टेशन के हसनपुरा की ओर स्थित द्वितीय प्रवेश द्वार पर बिल्डिंग का निर्माण कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है. द्वितीय प्रवेश पर बहुमंजिला पार्किंग के लिए कार्य पूरा हो चुका है. बिल्डिंग के बेसमेंट और भवन निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. वहीं मुख्य बिल्डिंग निर्माण के लिए बेसमेंट बनाने और एयर कोनकोर्स के निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है.  जयपुर स्टेशन के पुनर्विकास में जयपुर के हैरिटेज को ध्यान में रखकर आधुनिकता का समावेश किया जा रहा है. 
 
जयपुर जंक्शन के पुनर्विकास के कार्य में बढ़ाई गई तेजी, 2 हजार किलोवाट क्षमता का लगेगा सोलर प्लांट

Rajasthan News: राजस्थान में निर्माण कार्य में स्टेशन के हसनपुरा की ओर स्थित द्वितीय प्रवेश द्वार पर बिल्डिंग का निर्माण कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है. द्वितीय प्रवेश पर बहुमंजिला पार्किंग के लिए कार्य पूरा हो चुका है. बिल्डिंग के बेसमेंट और भवन निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. वहीं मुख्य बिल्डिंग निर्माण के लिए बेसमेंट बनाने और एयर कोनकोर्स के निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है.  जयपुर स्टेशन के पुनर्विकास में जयपुर के हैरिटेज को ध्यान में रखकर आधुनिकता का समावेश किया जा रहा है. 

पुनर्विकास से स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी. यात्रियों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए आगमन और प्रस्थान का अलग-अलग प्रावधान किया जाएगा. यहां पर यात्रियों की सुविधा के लिए एयर कॉनकोर्स बनाए जाएंगे.पर्यावरण संरक्षण के लिए सौर उर्जा, वाटर रिसाइकलिंग जैसी व्यवस्था भी की जाएगी. रेलवे प्रशासन का प्रयास है कि जयपुर जंक्शन को सिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाए, जिससे यह यात्रियों के साथ-साथ शहर के निवासियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बने. 

परियोजना में निर्माण के साथ-साथ संचालन और रखरखाव के दौरान ऊर्जा खपत में कमी पर भी फोकस किया जा रहा है. यहां 2000 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट भी स्थापित किया जाएगा. बिल्डिंग को गुलाबी शहर की समृद्ध विरासत व संस्कृति और स्थानीय विशेषताओं जैसे जाली कार्य, मेहराब, गुंबद, छतरी, झरोखा, बारादरी, अलंकरण, पत्थरों की नक्काशी व आवरण आदि के सम्मिश्रण से बनाया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि स्टेशन का पुनर्विकास कार्य वर्ष 2026 के मध्य तक पूरा हो सकेगा.