Jungle Kauria-Jagdishpur Foreland Ring Road Bypass: किसानों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया में देरी, किसानों की मुश्किलें बढ़ रही
Jungle Kauria-Jagdishpur Foreland Ring Road Bypass: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन रिंग रोड बाईपास के लिए किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया में देरी के चलते कई किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसमें तहसील और प्रशासन के बीच की देरी का सबसे बड़ा कारण है।
किसानों की परेशानी का कारण
कई किसानों ने अपनी जमीन देने के लिए अपने कृषि भूमि को फोरलेन बाईपास पर प्रदान कर दिया है, लेकिन मुआवजा प्राप्ति में देरी के चलते वे अब फिनैंशियल समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई किसानों के परिवारों की जरूरतों को पूरा करने में मुश्किलें बढ़ गई हैं, जैसे कि बेटी की शादी और और रोजगार के अवसरों की कमी।
मुआवजा देने में देरी
प्रशासन की ओर से वादा किया गया था कि मुआवजा तुरंत दिया जाएगा, लेकिन इस वादे के बावजूद अब तक कई किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने तहसील से सभी प्रपत्र जमा कर दिए हैं, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है।
अधिकारियों की तरफ से वादा
अधिकारियों ने दावा किया है कि मुआवजा जल्द ही दिया जाएगा, लेकिन कई किसान इस विश्वास में नहीं हैं। वे तहसील से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक गुहार लगा चुके हैं।
किसानों का आंदोलन
किसानों ने इस मुद्दे पर आंदोलन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्या को सुना और उन्हें तुरंत मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों का जवाब
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि मुआवजा देने का काम प्रारंभ हो चुका है और सभी किसानों को उनके प्रपत्र पूरे होने के बावजूद बिना किसी विलंब के मुआवजा दिया जाएगा। वहन अनावश्यक दौड़ाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुआवजा का वितरण
अब तक लगभग 300 किसानों को 47 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा दिया गया है, और कई अन्य किसान अभी भी मुआवजे के लिए प्रपत्र जमा कर चुके हैं। एनएचएआइ ने मुआवजे का वितरण शुरू किया है और इसके बाद करीब 250 करोड़ रुपये और मिलने का अनुमान है।
मुआवजा प्राप्ति के लिए आर्बिट्रेशन
कुछ किसानों ने मुआवजा प्राप्ति के लिए विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (एसएलएओ) कार्यालय में प्रपत्र जमा कर दिया है, और अधिकारियों की ओर से मुआवजा दिया जा रहा है।
मुआवजा देने की प्रक्रिया
इस समय, मुआवजा प्राप्ति के लिए पहली किस्त के रूप में 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं, और अब करीब 250 करोड़ रुपये और मिलने का अनुमान है।
इस प्रक्रिया में हो रही देरी के कारण कई किसान अब फिनैंशियल समस्याओं का सामना कर रहे हैं, और उनके परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह मामूली बात नहीं है, क्योंकि इससे वे अपनी रोजी-रोटी की चिंता कर रहे हैं। प्रशासन को त्वरित और सुगम प्रक्रिया को सुनिश्चित करना चाहिए ताकि किसानों को उनका मुआवजा समय पर मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
