UP के इन 7 गांवों की जमीन अधिग्रहित पर लगी मोहर, बिछेगी नई रेलवे लाइन

UP News: उत्तर प्रदेश में 7 गांवों की जमीन अधिग्रहित कर नई रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। यह नई रेल लाइन क्षेत्र की तस्वीर बदलने वाली है। 67.70 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन 25 गांवों से होकर गुजरेगी। नई रेल लाइन के बनने से यूपी-बिहार सीमा के निवासी सीधे रेल सेवा से जुड़ जाएंगे। वर्ष 2006 में गोरखपुर-नरकटियागंज रेल खंड पर पनियहवा रेलवे स्टेशन से छितौनी होते हुए तमकुहीरोड स्टेशन तक रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। 67.70 किलोमीटर लम्बी इस रेलवे लाइन से 25 गांव जुड़ेंगे।
नई रेलवे लाइन छितौनी-तमकुही मार्ग के लिए उत्तर प्रदेश के सात गांवों की जमीन अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। इन सात गांवों के लिए रेल बजट-2025 में 44.46 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण एवं निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है।
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नई रेल लाइन यूपी-बिहार सीमा के निवासियों को सीधे रेल सेवा से जोड़ेगी। वर्ष 2006 में गोरखपुर-नरकटियागंज रेल खंड पर पनियहवा रेलवे स्टेशन से छितौनी होते हुए तमकुहीरोड स्टेशन तक रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। 67.70 किलोमीटर लम्बी इस रेलवे लाइन से 25 गांव जुड़ेंगे।
इनमें से 12 गांव कुशीनगर में और 13 पश्चिमी चंपारण में हैं। रेलवे को 316 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। 2012 में पनियहवा से छितौनी तक रेल लाइन बिछाने के बाद आगे की कार्रवाई रुक गई।
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पिछले बजट में रुकी हुई रेलवे लाइन के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। छितौनी-तमकुही रोड नई लाइन के लिए पश्चिम चंपारण क्षेत्र के 13 में से आठ गांवों की 82.80 हेक्टेयर जमीन पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है। कुशीनगर को बारह गांवों के लिए जमीन चाहिए। अब सात गांवों की 44.46 हेक्टेयर भूमि के लिए बजट जारी कर दिया गया है।