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लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू को लेकर हो रहे विवाद का हुआ  खुलाशा , देखें पूरी घटना  

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने हाल ही में जेल में रहते हुए एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया, जिसने सुरक्षा व्यवस्था और जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला तब सामने आया जब एसआईटी टीम ने राजस्थान पुलिस को सबूत सौंपे, जिसके बाद जयपुर के लालकोठी थाने में केस दर्ज किया गया।
 
 
लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू को लेकर हो रहे विवाद का हुआ  खुलाशा , देखें पूरी घटना

lawrence bishnoi interview : गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने हाल ही में जेल में रहते हुए एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया, जिसने सुरक्षा व्यवस्था और जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला तब सामने आया जब एसआईटी टीम ने राजस्थान पुलिस को सबूत सौंपे, जिसके बाद जयपुर के लालकोठी थाने में केस दर्ज किया गया।

इंटरव्यू की सामग्री

पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी लॉरेंस ने 14 मार्च को प्रसारित पहले इंटरव्यू में सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली। उसका कहना था कि मूसेवाला गैंगवार में शामिल हो रहा था और इसलिए उसे मारना जरूरी था। दूसरे इंटरव्यू में लॉरेंस ने दावा किया कि वह जेल के अंदर से फोन कॉल करता है। उसने कहा कि रात के समय जेल के गार्ड कम होते हैं, जिससे उसे मौका मिलता है।

एसआईटी की जांच

एसआईटी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इस पर स्वत: संज्ञान लिया और अधिकारियों की पहचान कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

लॉरेंस का नेटवर्क

NIA की रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क जेल में रहते हुए और मजबूत हुआ है। उसकी गैंग में 700 से अधिक सदस्य हैं, और यह गैंग मुख्यतः दो लोगों, लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़, के आदेश पर चलती है।

गैंग के ऑपरेशन का तरीका

भर्तियाँ: नए सदस्यों को ब्रांडेड कपड़े और विदेश में सेटल होने का वादा करके शामिल किया जाता है।
सामाजिक मीडिया का इस्तेमाल: फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से सदस्यों को जोड़ा जाता है।
 
लॉरेंस बिश्नोई का जेल में इंटरव्यू देना न केवल एक गंभीर सुरक्षा चूक है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि जेलों में सुरक्षा की स्थिति को सुधारने की आवश्यकता है। इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।