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New Toll System: अब टोल पर रुकना नहीं पड़ेगा, नंबर प्लेट से सीधे कटेगा पैसा

Toll tax: सरकार ने टोल वसूली प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए नई टोल नीति 2025 की घोषणा की है। इस नीति का उद्देश्य है हाईवे पर यात्रा को सरल, तेज़ और सस्ती बनाना। अब टोल बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट कैमरे से स्कैन होकर टोल सीधे आपके अकाउंट से कट जाएगा।
 
New Toll System

New Toll System:  सरकार ने टोल वसूली प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए नई टोल नीति 2025 की घोषणा की है। इस नीति का उद्देश्य है हाईवे पर यात्रा को सरल, तेज़ और सस्ती बनाना। अब टोल बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट कैमरे से स्कैन होकर टोल सीधे आपके अकाउंट से कट जाएगा। Nitin gadkari 

अगर फास्टैग काम नहीं करता है तो प्लाजा में लगा कैमरा आपकी नंबर प्लेट को रीड कर लेगा और पैसे सीधे अकाउंट से कट जाएंगे। इतना ही नहीं, हाईवे पर चलने वाले वाहन की तरफ से आपसे सिर्फ टोल ही वसूला जाएगा। Fastag

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा घोषित नई टोल नीति में और भी कई खूबियां हैं, जिनके बारे में आप आगे पढ़ेंगे। इस नीति से अब यात्री कम खर्च में राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा कर सकेंगे, साथ ही टोल प्लाजा पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से भी राहत मिलेगी। Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari

इसमें कई नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं, जिनमें सालाना और आजीवन पास, दूरी के हिसाब से टोल और बिना किसी रुकावट के टोल वसूली जैसे प्रावधान शामिल हैं। नीति को खास तौर पर उन लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है जो रोजाना या लगातार राष्ट्रीय राजमार्गों का इस्तेमाल करते हैं।  highway 

फिलहाल टोल प्लाजा पर मासिक पास की कीमत करीब 340 रुपये है, जो सालाना 4,080 रुपये से ज्यादा है। वहीं, नई नीति के तहत महज 3,000 रुपये में पूरे साल किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर असीमित यात्रा संभव होगी। Expressway

इस बदलाव से निजी वाहन मालिकों को फायदा होगा, क्योंकि टोल ट्रैफिक में उनकी हिस्सेदारी 60 फीसदी है, जबकि कुल टोल राजस्व में उनका योगदान सिर्फ 21 फीसदी है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि मई 2025 तक देशभर में सैटेलाइट आधारित टोल लागू नहीं किया जाएगा। New Road 

इसके बजाय, एएनपीआर और फास्टैग तकनीक को मिलाकर चुनिंदा राजमार्गों पर ‘बैरियर-फ्री टोलिंग सिस्टम’ शुरू किया जाएगा। टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी, कैमरे वाहन की लाइसेंस प्लेट को स्कैन करेंगे और टोल अपने आप कट जाएगा। Automatic Plate Recognition

इस सिस्टम को पहले ही बेंगलुरु-मैसूर और पानीपत-हिसार जैसे रूटों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। इसके साथ ही एक और बड़ा बदलाव यह है कि निजी वाहनों के लिए प्रतिदिन 20 किलोमीटर तक टोल फ्री रखा जाएगा। New Toll rates

यानी अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन 20 किलोमीटर या इससे कम यात्रा करता है, तो उसे टोल नहीं देना होगा, बशर्ते उसके वाहन में फास्टैग या जीएनएसएस ट्रैकिंग सिस्टम लगा हो। 20 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए 50 रुपये प्रति 100 किलोमीटर की दर से टोल देना होगा। इस व्यवस्था से स्थानीय यात्रियों और रोजाना यात्रा करने वालों को सीधा लाभ मिलेगा। Automobile News 

नई नीति के साथ सरकार 2008 के नियम को भी सख्ती से लागू करने जा रही है, जिसके अनुसार दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए। अभी तक इस नियम की अक्सर अनदेखी की जाती थी, जिसके कारण यात्रियों को हर छोटी दूरी के लिए टोल देना पड़ता था। Breaking News 

वित्त वर्ष 2024 में टोल से 64,810 करोड़ रुपये की कमाई होगी, जो पिछले साल के 48,028 करोड़ रुपये से 35% अधिक है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान इसमें सबसे आगे हैं। राजस्व को भारतमाला परियोजना जैसी राष्ट्रीय योजनाओं में निवेश किया जाता है, जिसके तहत अब तक 18,700 किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं। New Toll System

गडकरी ने कहा कि दो साल में टोल राजस्व 1.40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, जिससे करीब 5 लाख करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। gadkari New Plan 

हालांकि कुछ स्थितियों में छूट दी जा सकती है, जैसे नगर निगम की सीमा, राज्य की सीमा या परियोजना की व्यावसायिक व्यवहार्यता, लेकिन ऐसे मामलों को न्यूनतम रखा जाता है। इसके अलावा सरकार ने यह भी कहा कि टोल वसूली को लेकर लोगों की शिकायतों के समाधान के लिए जल्द ही एक नई शिकायत निवारण प्रणाली तैयार की जा रही है। Govt News 

इस मामले में अधिक टोल कटौती, दोहरी कटौती या अन्य अनियमितताओं का तुरंत समाधान किया जाएगा। साथ ही ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ नीति से अब सभी वाहनों के लिए एक ही वैध फास्टैग होगा, जिससे धोखाधड़ी पर रोक लगेगी। भारत में टोल संग्रह बढ़ रहा है। Central Govt Scheme