केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिल गए नववर्ष का तोहफा! अब आएगा सैलरी में हजारों का उछाल, जानें
Dearness Alllowance: भारत सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में संभावित वृद्धि की घोषणा करने वाली है। यह वृद्धि जनवरी 2025 से लागू हो सकती है और इसके लिए आंकड़ों का आधार अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) को माना जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि डीए में 3% से 4% तक की वृद्धि हो सकती है, जो कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है। इस लेख में हम महंगाई भत्ते की वृद्धि, उसके आधार और इसके संभावित प्रभावों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि का आधार
महंगाई भत्ता सरकार द्वारा कर्मचारियों के वेतन में मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की लागत में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए दिया जाता है। डीए में वृद्धि का निर्धारण अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) के आंकड़ों पर आधारित होता है। यह सूचकांक जीवन-यापन की लागत में होने वाले परिवर्तनों को मापता है और इसके आधार पर ही महंगाई भत्ते में समायोजन किया जाता है।
पिछले सालों में CPI-IW में आए उतार-चढ़ाव ने सरकार के डीए समायोजनों पर प्रभाव डाला है। उदाहरण के तौर पर, जुलाई 2024 में डीए में 4% की वृद्धि की गई थी, और इसी वर्ष की शुरुआत में 3% की वृद्धि की गई थी।
महंगाई भत्ते (डीए) में संभावित वृद्धि
अभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 48% की दर से महंगाई भत्ता (डीए) मिल रहा है, जबकि पेंशनभोगियों को 53% की दर से लाभ मिल रहा है। यह दरें मुद्रास्फीति के दबाव और आर्थिक स्थितियों के आधार पर समय-समय पर बदलती रहती हैं।
2025 में, जैसे ही एआईसीपीआई के आंकड़े सामने आएंगे, सरकार एक नई वृद्धि की घोषणा कर सकती है। इस वृद्धि के द्वारा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में सुधार हो सकता है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा और महंगाई के दबाव को कम किया जा सकेगा।
महंगाई भत्ते (डीए) की समीक्षा प्रक्रिया
भारत सरकार हर दो साल में डीए दरों की समीक्षा करती है। इस समय सीमा के दौरान, यदि AICPI आंकड़ों में बदलाव होता है, तो इसे ध्यान में रखते हुए डीए की दरों में वृद्धि या कमी की जाती है। इसलिए, जनवरी 2025 में होने वाली घोषणा इस बात का संकेत दे सकती है कि सरकार कितनी अधिक वृद्धि करने वाली है।