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2 अक्टूबर से राजस्थान में घुमंतू जातियों को मिलेगा 300 वर्गमीटर का मुफ्त प्लॉट,  जानें योजना के बारे में

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन परिवारों को मिलेगा 300 वर्गमीटर का फ्री प्लॉट मिलेगा। पट्टे पर लाल स्याही से लिखा जाएगा कि यह खरीदने-बेचने के लिए नहीं है। सरकार का प्रयास है कि लगभग सभी को नि:शुल्क पट्टा मिले।बता दें प्रदेश में पूरी जनसंख्या के 6 से 8 प्रतिशत विमुक्त, घुमंतू, अर्द्ध घुमंतू जाति के लोग हैं। यह लोग एक जगह पर निवास नहीं करते। 
 
2 अक्टूबर से राजस्थान में घुमंतू जातियों को मिलेगा 300 वर्गमीटर का मुफ्त प्लॉट,  जानें योजना के बारे में

Rajasthan News : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन परिवारों को मिलेगा 300 वर्गमीटर का फ्री प्लॉट मिलेगा। पट्टे पर लाल स्याही से लिखा जाएगा कि यह खरीदने-बेचने के लिए नहीं है। सरकार का प्रयास है कि लगभग सभी को नि:शुल्क पट्टा मिले।बता दें प्रदेश में पूरी जनसंख्या के 6 से 8 प्रतिशत विमुक्त, घुमंतू, अर्द्ध घुमंतू जाति के लोग हैं। यह लोग एक जगह पर निवास नहीं करते। 

अधिकांश के पास पहचान पत्र भी नहीं है। इसलिए इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। राजस्थान सरकार सभी 32 जातियों के व्यक्तियों को 2 अक्टूबर तक नि:शुल्क भूखंड उपलब्ध करवाएंगे, ताकि ऐसे गरीब लोगों को भी अपना आशियाना बनाने का मौका मिल सके। 

सरकार की मंशा है कि इन जातियों की पूर्व में बहुत उपेक्षा हुई है। यह हमारे प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण जातियां है। देश की आजादी में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन्होंने क्रान्तिकारियों का भी सहयोग किया है।राजस्थान सरकार ने प्रदेश में विमुक्त, घुमंतू एवं अर्ध घुमंतू जाति के परिवारों की सुध ली है और इन्हें अपना आशियाना बनाने के लिए नि:शुल्क भूखंड दिए जाएंगे ताकि वे अपना जीवन यापन कर सकें। 

योजना के तहत 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन परिवारों को पट्टे देंगे।
परिवार की परिभाषा में 21 वर्ष से छोटा यदि अविवाहित है तो उसके माता-पिता सहित सब एक परिवार होगा और 21 वर्ष से बड़ा हो तथा शादीशुदा हो तो एक परिवार माना जाएगा चाहे वे एक ही चूल्हे पर भोजन करते हों। वहीं जाति प्रमाण-पत्र के बारे में संशोधन करने के लिए परफॉर्मा जारी किया गया है। जिसे तहसीलदार द्वारा सत्यापित करने के बाद जाति प्रमाण-पत्र के बजाय जाति पहचान प्रमाणपत्र दिया जा सकेगा।