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अब AI बताएगा कौन है दोषी...इस शहर में लगाए गए 1200 खास कैमरे, हर चेहरे पर रहेगी नजर

 
Artificial Intelligence 

Artificial Intelligence अब लखनऊ महिलाओं और बच्चों सहित सभी के लिए एक सुरक्षित शहर बनने जा रहा है। लखनऊ के कोने-कोने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे लखनऊ(How will criminals be identified through Artificial Intelligence
) में आने-जाने वाले हर वाहन और सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति के साथ-साथ बसों में बैठे लोगों के चेहरे भी कैद करेंगे।

इतना ही नहीं, इसके अंदर देश भर के संदिग्धों, ब्लैक लिस्ट और मोस्ट वांटेड लोगों का डेटा भी फीड किया गया है, अगर इनमें से कोई भी अपराधी लखनऊ की सड़कों पर देखा जाता है तो तत्काल लोकेशन के साथ उन लोगों के चेहरे इस डेटा में फीड कर दिए जाते हैं। उसके चेहरे की फोटो अलर्ट कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगी और पुलिस मौके पर तुरंत कार्रवाई करेगी। पूरी निगरानी के लिए कमांड कंट्रोल रूम में एक प्रोजेक्टर लगाया गया है. प्रोजेक्टर पर लोगों के चेहरे भी नजर आ रहे हैं.

1200 स्थानों पर कैमरे लगाए गए
नगर निगम कमिश्नर इंद्रजीत सिंह ने बताया कि निर्भया फंड के तहत इंटीग्रेटेड स्मार्ट कंट्रोल रूम बनाया गया है. यह एक सेफ सिटी प्रोजेक्ट है जिसमें लखनऊ के सभी कोनों में 1200 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं। यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा संचालित है। सरकारी बसों में भी यह सिस्टम लगाया गया है। जिससे बस के अंदर, सड़क पर या कहीं भी महिला बच्चों या किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भी घटना दुर्घटना होने पर उसका अलर्ट आ जाएगा। इससे सीधे तौर पर त्वरित कार्रवाई हो सकेगी और महिलाओं की सुरक्षा हो सकेगी।

उत्तर प्रदेश का पहला जिला लखनऊ
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि लखनऊ उत्तर प्रदेश का पहला जिला है जहां पूरी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि बसों और सड़कों के अलावा नगर निगम के कचरा ट्रकों में भी यह सिस्टम लगाया जाएगा ताकि यह निगरानी की जा सके कि कहां से कचरा उठाया जा रहा है और कहां से नहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास पांच कालिदास मार्ग के पास बर्तन चोरी की कई घटनाएं हो चुकी हैं, अब उन घटनाओं पर सीधे रोक लग सकेगी. साथ ही पूरे शहीद पथ को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिया गया है.

इन जगहों पर विशेष निगरानी रहेगी
नगर निगम आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि यह प्रणाली होटल, हॉस्टल, विश्वविद्यालय, कॉलेज और पार्टी प्वाइंट जैसे स्थानों की निगरानी करेगी। जिससे गर्ल्स हॉस्टल, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, कोचिंग सेंटर और रेस्टोरेंट जैसी जगहों पर मारपीट और छेड़छाड़ की संभावना अधिक रहती है। इसके जरिए कड़ी निगरानी होगी.