अब चंद घंटों में पूरा होगा दिल्ली से मुंबई का सफर! कोटा में 160 की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेनें; पढ़े..
Rajasthan News: राजस्थान के कोटा रेल मंडल ( Kota Railway Board ) में प्रगति हो रही है. कोटा और डकनिया तलाव रेलवे स्टेशनों को जहां वर्ल्ड क्लास बनाया जा रहा है, वहीं ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने पर भी काम चल रहा है. साथ ही, यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे नए आविष्कार हो रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से स्टेशनों का नवीनीकरण किया जा रहा है। साथ ही मेमो ट्रेन के जरिए कोटा से गुजरने वाले यात्रियों को कई सुविधाएं भी दी जा रही हैं.
मंडल रेल प्रबंधक मनीष तिवारी, मुख्य परियोजना प्रबंधक गति शक्ति यूनिट के मार्गदर्शन में नई दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन ( Delhi-Mumbai Railway Line ) पर 'मिशन रफ्तार' के तहत काम किया जा रहा है. 160 किमी/घंटा परियोजना के तहत कोटा मंडल के नागदा और मथुरा खंड के बीच कुल 545 किमी की दूरी में तेज गति से काम किया जा रहा है। पूरा करने का लक्ष्य जुलाई 2024 है। ट्रेन की गति बढ़ने से दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय कम हो जाएगा।
2,665 करोड़
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने कहा कि यह परियोजना नागदा-मथुरा खंड में कुल 2,665 करोड़ रुपये की लागत से चल रही है। नागदा-मथुरा मध्य मिशन रफ्तार परियोजना तीन चरणों में क्रियान्वित की जा रही है। इनमें मथुरा-गंगापुर सिटी 152 किमी, गंगापुर सिटी-कोटा 172 किमी और कोटा-नागदा 221 किमी शामिल है।
मथुरा-गंगापुर सिटी खंड का पहला चरण मार्च 2024 तक, गंगापुर सिटी-कोटा खंड का दूसरा चरण मई 2024 तक और कोटा-नागदा खंड का तीसरा और अंतिम चरण जुलाई तक पूरा किया जाना है। यह मुख्य रूप से तीन विभागों इलेक्ट्रिकल, सिग्नल और टेलीकम्युनिकेशन और इंजीनियरिंग द्वारा काम किया जाता है।
रेलवे लाइन पर अब जानवर नहीं आ सकेंगे
इस परियोजना के तहत प्रमुख कार्यों में सुरक्षा उद्देश्यों के लिए मवेशियों को ट्रैक पर आने से रोकने के लिए लाइन के दोनों किनारों पर चारदीवारी की स्थापना, कवच प्रणाली, मोड़ों को कम करना और ओएचई कार्य शामिल हैं। इंजीनियरिंग विभाग ने अब तक 545 किमी लंबे नागदा-मथुरा ट्रैक के दोनों ओर 771 किमी या कुल 1090 किमी की चारदीवारी का लगभग 70 प्रतिशत पूरा कर लिया है।
बाकी 319 किमी का काम बाकी है। फिलहाल ट्रैक के दोनों तरफ सुरक्षा के लिए क्रैश वॉरियर्स पर काम किया जा रहा है। क्रैश वॉरियर पर 364 किमी की रेंज में काम किया गया है। सुरक्षा घेरे के बाकी हिस्से को क्रैश बैरियर के रूप में इस्तेमाल किया जाना है।
ये काम भी किये जा रहे हैं
इसके अलावा, आर्मर सिस्टम के तहत ब्लॉक सेक्शन में आर्मर टावर और 87 इलेक्ट्रिक लोको में आर्मर सिस्टम स्थापित किया जा रहा है। अब तक 87 में से 40 लोको को कवच प्रणालियों से सुसज्जित किया जा चुका है। इसके अलावा बिजली विभाग द्वारा मथुरा-गंगापुर सिटी सेक्शन में ओएचई का काम लगभग पूरा हो चुका है। मिशन रफ़्तार परियोजना के तहत कार्य की प्रगति की बोर्ड अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है। इसके पूरा होने पर कोटा में ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटा हो जाएगी और सुरक्षा मानकों में सुधार होगा।