अब बिना आज्ञा के कोर्ट में नहीं जा सकेंगे ये अधिकारी, सरकार ने किए सख्त आदेश जारी

Haryana News : हरियाणा सरकार ने अब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के अदालत में गवाही देने के तरीके में बड़े बदलाव किए हैं। राज्य सरकार ने स्पष्ट आदेश जारी किया है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी बिना अनुमति के अदालत में गवाही देने जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उसे यात्रा भत्ता और महंगाई भत्ता भी नहीं दिया जाएगा। इन नए नियमों का उद्देश्य अदालतों में सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति को सुगम और सुरक्षित बनाना है, और इस प्रक्रिया को अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा।
नए नियमों के तहत गवाही का तरीका
हरियाणा सरकार के आदेशों के अनुसार, अब सरकारी अधिकारी या कर्मचारी किसी भी मामले में अदालत में गवाही देने के लिए अपनी भौतिक उपस्थिति नहीं देंगे, बल्कि उनकी गवाही ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करवाई जाएगी। इस कदम का उद्देश्य गवाही देने के लिए कर्मचारियों की अदालत में शारीरिक उपस्थिति को कम करना है, जिससे समय और संसाधनों की बचत हो सके।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही के फायदे
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देने से अधिकारियों और कर्मचारियों को अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे उनका समय बच सकेगा।इस प्रणाली से कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है, क्योंकि उन्हें अदालतों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।गवाही देने की प्रक्रिया को डिजिटल माध्यम से करने से मामले जल्दी और बिना किसी व्यवधान के सुलझाए जा सकते हैं।
हालांकि, अगर किसी विशेष मामले में गवाही देने के लिए भौतिक उपस्थिति अनिवार्य हो, तो संबंधित सरकारी कर्मचारी को पहले अपने विभाग से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए उसे अपने उपस्थिति के कारण को स्पष्ट रूप से बताना होगा। इसके बाद, विभाग प्रमुख द्वारा उसकी उपस्थिति की अनुमति दी जाएगी।कर्मचारी को अदालत में भौतिक उपस्थिति के लिए उपयुक्त कारण बताना होगा।विभागीय अधिकारी उस कारण का मूल्यांकन करेंगे और यदि उचित समझा गया तो अनुमति प्रदान की जाएगी।
जो सरकारी कर्मचारी बिना अनुमति के अदालत में गवाही देंगे, उनके खिलाफ न केवल यात्रा और महंगाई भत्ता नहीं दिया जाएगा, बल्कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। इस कदम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सरकारी कर्मचारियों का समय सही तरीके से उपयोग हो और उनका कार्य प्रभावी रूप से हो।