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Property Knowledge: प्रोपर्टी की वसीयत बनाना क्यों है जरूरी, जानिये इसे लिखने का सही तरीका

 
Property will rules

Property Will: बहुत से लोग सोचते हैं कि वसीयत केवल अमीर लोगों के लिए होती है लेकिन वास्तविकता यह है कि यह हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। आजकल बढ़ते संपत्ति विवादों को देखते हुए वसीयत बनाना एक बुद्धिमानी भरा कदम हो सकता है। वसीयत के माध्यम से, एक व्यक्ति अपनी संपत्ति (संपत्ति) को अपने उत्तराधिकारियों के बीच कानूनी जटिलताओं का सामना किए बिना अपनी इच्छानुसार वितरित कर सकता है। इस लेख में हम वसीयत बनाने की प्रक्रिया, इसके लाभ और इसे सुरक्षित करने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

वसीयत क्या है और इसे कौन बना सकता है?

वसीयत एक लिखित दस्तावेज (कानूनी दस्तावेज) है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवनकाल में यह निर्णय ले सकता है कि मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति किसे मिलेगी। भारतीय कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है और मानसिक रूप से स्वस्थ है, अपनी वसीयत बना सकता है। इसके लिए किसी विशेष स्टाम्प पेपर की आवश्यकता नहीं होती बल्कि इसे साधारण कागज पर भी लिखा जा सकता है।

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वसीयत बनाने के मुख्य लाभ परिवार में विवादों को रोकना: वसीयत के अभाव में, परिवार में संपत्ति को लेकर कानूनी झगड़े हो सकते हैं।

इच्छानुसार वितरण: कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को अपनी इच्छानुसार किसी को भी सौंप सकता है।

कानूनी मान्यता: लिखित वसीयत कानूनी रूप से वैध होती है, जिससे उत्तराधिकारियों को संपत्ति आसानी से मिल जाती है।

संपत्ति पर नियंत्रण: वसीयत बनाने वाला व्यक्ति अपने जीवनकाल में यह निर्णय ले सकता है कि भविष्य में उसकी संपत्ति का क्या होगा।

वसीयत बनाने के लिए आवश्यकताएँ वसीयत में नाम, पता, जन्म तिथि और अन्य व्यक्तिगत जानकारी स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए।

इसे ऐसी भाषा में लिखा जाना चाहिए जो आसानी से समझी जा सके।

संपत्ति का पूरा ब्यौरा जैसे अचल संपत्ति, बैंक बैलेंस, आभूषण आदि दिया जाना चाहिए।

लाभार्थियों का स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए।

वसीयत को प्रमाणित करने के लिए दो गवाहों के हस्ताक्षर आवश्यक हैं।

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वसीयत को कितनी बार बदला जा सकता है?

कानूनी तौर पर, कोई भी व्यक्ति अपनी वसीयत को जितनी बार चाहे बदल सकता है। हर बार जब नई वसीयत बनाई जाती है, तो पुरानी वसीयत स्वतः ही अमान्य हो जाती है। वसीयत में संशोधन के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है।

वसीयत को कहां सुरक्षित रखें?

किसी विश्वसनीय व्यक्ति को: किसी करीबी रिश्तेदार या वकील को सौंपा जा सकता है।

बैंक लॉकर में: बैंक में लॉकर की सुविधा लेकर इसे सुरक्षित रखा जा सकता है।

न्यायालय में पंजीकरण: इसे सुरक्षित रखने के लिए न्यायालय में पंजीकृत किया जा सकता है।

वसीयत न बनाने के नुकसान यदि कोई व्यक्ति बिना वसीयत के मर जाता है, तो उसकी संपत्ति उत्तराधिकार कानून के तहत कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच वितरित की जाती है। यह साझाकरण कभी-कभी अवांछित होता है और इससे विवाद उत्पन्न हो सकता है। इसलिए, किसी भी जटिलता से बचने के लिए वसीयत बनाना आवश्यक है।

क्या वसीयत को नोटरीकृत कराना आवश्यक है?

कानूनी तौर पर वसीयत को नोटरीकृत या पंजीकृत कराना अनिवार्य नहीं है, लेकिन ऐसा करने से वह अधिक प्रामाणिक हो जाती है और भविष्य में उसे चुनौती देना कठिन हो जाता है।

वसीयत बनाने की प्रक्रिया सबसे पहले, संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा करें।

लाभार्थियों का चयन करें और उनके हिस्से का निर्धारण करें।

एक सादे कागज पर वसीयत लिखें और उसमें अपनी इच्छाएं स्पष्ट रूप से लिखें।

दो गवाहों के सामने हस्ताक्षर करें।

इसे किसी सुरक्षित स्थान पर रखें या न्यायालय में पंजीकृत कराएं।