पानी सप्लाई की PVC पाईप से लोगों में बढ़ रही है नपुंसकता, हरियाणा सदन में मुद्दा गूंजा तो स्पीकर गंभीर

Haryana News: गांवों में जलापूर्ति के लिए इस्तेमाल किए जा रहे पीवीसी पाइप पशुओं और मनुष्यों में ट्यूमर, किडनी, लीवर, कैंसर, त्वचा के साथ-साथ नपुंसकता जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन रहे हैं। डबवाली से इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल ने गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। जनस्वास्थ्य मंत्री रणबीर गंगवा ने अपने जवाब में कहा कि विभाग द्वारा पीवीसी पाइपों का प्रयोग नहीं किया जाता है। उन्होंने माना कि अवैध रूप से पानी का कनेक्शन लेने वालों और पानी का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए फिलहाल कोई कानून नहीं है। सरकार ने कानून बनाने का निर्णय लिया है। जल्द ही विभाग ऐसे लोगों से निपटने के लिए कानून बनाएगा।
योजना पर 3,789 करोड़ रुपये खर्च करते हुए गंगवा ने कहा कि सरकार ने जल जीवन मिशन (जेजेजेएम) के कवरेज का विस्तार करने का भी फैसला किया है। अब तक जल कनेक्शन 100 सदस्यों वाले घरों या 20 या उससे अधिक परिवारों तक ही सीमित थे।
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हरियाणा में सरकार कम आबादी वाली ढाणियों तक पानी पहुंचाने की योजना बना रही है। उन्होंने बताया कि 2019-20 में किए गए घरेलू सर्वेक्षण के तहत 6 अप्रैल, 2020 तक 30 लाख 41 हजार घरों को जल जीवन मिशन के अंतर्गत कवर किया गया। सरकार ने इस योजना पर 3,789 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में अब नल से पानी राज्य के गांवों और बड़ी ढाणियों तक पहुंचाया जा रहा है। आदित्य देवीलाल ने बताया कि विभाग स्वयं डीआई पाइप का प्रयोग करता है, लेकिन बड़ी संख्या में पीवीसी पाइप का प्रयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पीवीसी पाइप का उपयोग करने वाली पंचायतों व पंचायत समितियों के बिलों पर रोक लगाई जाए। स्पीकर हरविंदर कल्याण ने आदित्य चौटाला द्वारा उठाए गए मुद्दे को गंभीर बताया और कहा कि इस पर बाद में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। आईएनईसी विधायक ने कहा, "यह एक गंभीर मुद्दा है।" सरकार को कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।