रायपुर-विजाग भारतमाला मुआवजा घोटाले में आया नया मोड़, चार जांच दल गठित

Bharatmala Ghotala: भारत सरकार की महत्वाकांक्षी "भारतमाला परियोजना" के अंतर्गत बन रही रायपुर-विजाग इकोनॉमिक कॉरिडोर सड़क एक बड़े मुआवजा घोटाले की चपेट में है। जमीन अधिग्रहण से जुड़े इस मामले ने नया मोड़ तब लिया जब रायपुर संभाग के कमिश्नर एमडी कावरे ने चार नए जांच दलों का गठन किया। Raipur-Vizag Economic Corridor
इन दलों में अपर कलेक्टर स्तर के वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए गए हैं, जो रायपुर और धमतरी जिले में हुई अनियमितताओं की विस्तृत जांच करेंगे। सौ से अधिक शिकायतें प्राप्त होने की बात कही जा रही है। जांच दल प्रत्येक शिकायत की जांच करेगा। उच्च पदस्थ सूत्र के अनुसार मामले में लगाए गए दावा आपत्तियों का निराकरण सामने आने के बाद किया जाना चाहिए।
प्रत्येक शिकायत की जांच करने पर मुआवजा घोटाले से जुड़े सभी महत्वपूर्ण तथ्य सामने आने की संभावना है। ईओडब्ल्यू ने रायपुर जिले में भारतमाला परियोजना घोटाले में निलंबित अभनपुर तहसील क्षेत्र के तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू, तहसीलदार शशिकांत कुरेन, राजस्व निरीक्षक रोशनलाल वर्मा, पटवारी दिनेश पटेल के अलावा गोबरा नवापारा के तत्कालीन नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण, पटवारी नायक बंधा जितेंद्र साहू, पटवारी बसंती घृतलहरे, टोकरो गांव के लेखराम पटेल के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
मामले की जांच जारी है। घोटाले की जांच पहले रायपुर जिला प्रशासन द्वारा भी की गई थी। अब इसी तरह की जांच रायपुर संभाग के आयुक्त एमडी कावरे की निगरानी में की जा रही है। जिला प्रशासन की शोध रिपोर्ट के अनुसार रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारा सड़क निर्माण भारत माला परियोजना के तहत अभनपुर क्षेत्र के चार गांवों से जमीन अधिग्रहण करने के लिए सर्वे किया गया था।
पिछली रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन लोगों को मुआवजा दिया गया है, उनमें से अधिकांश ऐसे लोग हैं, जिनके नाम पर जमीन उनके सभी पारिवारिक सदस्यों के नाम पर दर्ज है। इनमें किसी परिवार के 12 सदस्यों, किसी परिवार के 10 सदस्यों व कई अन्य के 7 से 6-5 सदस्यों के नाम पर जमीन दर्ज है।
इस सर्वे में तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी व अन्य ने मिलकर खसरा व जमीन के रकबे में गड़बड़ी की थी। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि चारों गांवों में खसरा जमीन क्रमांक 1 से 33 का रकबा 1.3929 एकड़ है। ये खसरा-क्षेत्र वाले भूमिधारक करीब 17 हैं, लेकिन खसरा व रकबे के बंटवारे के बाद इस जमीन में से 97 भूमिधारक बनते हैं। इसके लिए सभी 97 भूमिस्वामियों को मुआवजा भी दिया गया था।