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राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में बड़ा बदलाव 6 नहीं बल्कि 7 सीटों पर होंगे चुनाव 

राजस्थान में अब विधानसभा उपचुनाव के लिए 7 सीटें खाली हो चुकी हैं। हाल ही में अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन ने उपचुनाव की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस लेख में हम इस उपचुनाव की पूरी जानकारी पर चर्चा करेंगे और उन सीटों की सूची प्रस्तुत करेंगे जो उपचुनाव के लिए तैयार हैं।
 
राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में बड़ा बदलाव 6 नहीं बल्कि 7 सीटों पर होंगे चुनाव 

Rajasthan Assembly : राजस्थान में अब विधानसभा उपचुनाव के लिए 7 सीटें खाली हो चुकी हैं। हाल ही में अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन ने उपचुनाव की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस लेख में हम इस उपचुनाव की पूरी जानकारी पर चर्चा करेंगे और उन सीटों की सूची प्रस्तुत करेंगे जो उपचुनाव के लिए तैयार हैं।

जुबेर खान का निधन और प्रभाव

शुक्रवार को कांग्रेस विधायक जुबेर खान का निधन हो गया। जुबेर खान लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनके निधन के कारण रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय हो गया है। इससे पहले भी भाजपा के विधायक अमृतलाल मीणा का निधन हो चुका था, जिससे सलूंबर सीट भी खाली हो गई थी।

रामगढ़ सीट पर दूसरा उपचुनाव

रामगढ़ विधानसभा सीट पर यह दूसरा उपचुनाव होगा। 2018 में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह की चुनाव प्रचार के दौरान मौत के बाद चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। बाद में उपचुनाव हुए थे। 2023 में जुबेर खान ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन अब उनके निधन के बाद फिर से उपचुनाव होगा।

मतदाता और संवेदनशील बूथ

रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 2023 के विधानसभा चुनाव में 26 लाख से अधिक मतदाता थे। 2018 में जहां 235,110 वोटर थे, वहीं 2023 में यह संख्या बढ़कर 266,547 हो गई। इस क्षेत्र में 258 बूथ हैं, जिनमें से 30 से अधिक बूथ अति संवेदनशील और संवेदनशील माने जाते हैं।

2023 चुनाव में जमानत जब्ती

वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के बागी उम्मीदवार सुखवंत सिंह की उपस्थिति के कारण भाजपा के जय आहूजा की जमानत जब्त हो गई थी। जय आहूजा इस सीट पर दो बार विधायक रह चुके हैं।

राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव की स्थिति अब और भी जटिल हो गई है। सात सीटों पर उपचुनाव की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी, जो प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। खासकर रामगढ़ और सलूंबर सीटों पर चुनावी गतिविधियों की निगरानी की जाएगी, क्योंकि ये सीटें हमेशा से चुनावी चर्चा में रही हैं।