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राजस्थान में 15 लाख लोगों की नौकरी को लेकर, राज्य सरकार ने लिया बड़ा फैसला 

राजस्थान में खनन उद्योग को लेकर एक बड़ी राहत की खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजस्थान सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य में खनन कार्य जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इससे राजस्थान की 23 हजार खानों में काम कर रहे लाखों श्रमिकों को बड़ी राहत मिली है।
 
राजस्थान में 15 लाख लोगों की नौकरी को लेकर, राज्य सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Rajatshan News : राजस्थान में खनन उद्योग को लेकर एक बड़ी राहत की खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजस्थान सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य में खनन कार्य जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इससे राजस्थान की 23 हजार खानों में काम कर रहे लाखों श्रमिकों को बड़ी राहत मिली है।

कुछ समय पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के बाद इन खनन पट्टों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसके चलते राज्य के खनन क्षेत्र में काम कर रहे करीब 15 लाख श्रमिकों की नौकरियां खतरे में पड़ गई थीं, क्योंकि खानों पर कार्य रोकने से न केवल आर्थिक संकट उत्पन्न हुआ था, बल्कि इन श्रमिकों के भविष्य को लेकर भी अनिश्चितता पैदा हो गई थी।सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राजस्थान सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए खनन कार्य को जारी रखने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने खनन पट्टों के अनुपालन के लिए समय बढ़ाने को भी मंजूरी दे दी है। इससे खनन क्षेत्र में काम करने वाले लाखों श्रमिकों को फिर से काम पर लौटने का मौका मिलेगा और उनके रोजगार की स्थिति में सुधार होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आगे की सुनवाई 12 नवंबर को तय की है, जब सरकार और अन्य पक्षों के द्वारा कोर्ट के सामने अपनी स्थिति रखी जाएगी।राजस्थान में खनन उद्योग की अहम भूमिका है, और यह राज्य की आर्थिक गतिविधियों में एक प्रमुख स्थान रखता है। यहां की खदानों से विभिन्न खनिज सामग्री जैसे बालू, पत्थर, ग्रेनाइट, और अन्य खनिज पदार्थों का उत्खनन किया जाता है, जो न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति के लिए आवश्यक हैं, बल्कि इनसे जुड़े लाखों लोगों की रोजी-रोटी भी जुड़ी हुई है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 15 लाख खनन श्रमिकों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि खनन कार्य जारी रहने से उनके रोजगार में कोई व्यवधान नहीं आएगा। इसके अलावा, यह फैसला राज्य के खनन उद्योग को फिर से गति देने में भी मदद करेगा, जो कोरोना महामारी और अन्य समस्याओं से पहले ही प्रभावित था।