राजस्थान की रोडवेज बसों पर खूब बरसा धन, पिछले 2 दिन से 6 करोड़ से अधिक आय
Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज की बसों में यात्रीभार का यह आंकड़ा अब कागजों पर भी दिखने लगा है. इसके पीछे प्रमुख वजह है कि इन दिनों रोडवेज बसों में बेटिकट यात्रा करने की प्रवृत्ति का काफी हद तक रुक जाना. दरअसल, रोडवेज प्रशासन ने बेटिकट यात्रा करने के मामले में सख्त निर्देश निकाले हुए हैं. किसी भी बस में 2 या 2 से अधिक बेटिकट यात्री मिलते ही तुरंत ही परिचालक को निलंबित किया जा रहा है. अब तक 40 से अधिक चालक-परिचालकों को इस तरह के मामलों में निलंबित किया जा चुका है.
ऐसे में राजस्व चोरी करने वाले चालक-परिचालकों की प्रवृत्ति पर रोक लगी है और अब वे बसों में यात्रियों को बेटिकट यात्रा करने से बचने लगे हैं. इसी वजह से पिछले कुछ दिनों से रोडवेज के यात्रीभार में सुधार देखा जा रहा है. दिवाली पर यात्रीभार में खासतौर पर बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.रोडवेज बसों में पिछले 5 दिन में यात्रीभार 107 फीसदी रहा है. लक्ष्य 98 फीसदी का था, लेकिन यात्रीभार 107 फीसदी रहा. जबकि पिछले साल इन्हीं 5 दिनों में यात्रीभार महज 85 फीसदी था. रोडवेज की आय 4.45 करोड़ रुपए औसतन प्रतिदिन रहा.
वहीं, पिछले 2 दिन से रोडवेज की आय 6 करोड़ से अधिक हुई. 5 नवंबर को रोडवेज को 6 करोड़ 27 लाख रुपए आय हुई.बड़ी बात यह है कि 5 नवंबर को मंगलवार के दिन राजस्थान रोडवेज की बसों में जबरदस्त यात्रीभार देखा गया है. रोडवेज का कुल यात्रीभार औसत 116 फीसदी रहा है. इससे पहले सोमवार को रोडवेज बसों में यात्रीभार 119 फीसदी तक जा पहुंचा था. 5 नवंबर के आंकड़ों को देखें, तो रोडवेज के कुल 52 डिपो में से मात्र 2 डिपो ही ऐसे हैं
जिनमें यात्रीभार 100 फीसदी से कम रहा है.अजमेर जोन में रोडवेज की बसों में 124 फीसदी यात्रीभार, भरतपुर जोन में 117 फीसदी रहा यात्रीभार, बीकानेर जोन में 115 फीसदी, डीलक्स जोन में 94 फीसदी यात्रीभार, जयपुर जोन में 120 फीसदी यात्रीभार, जयपुर सीटीएस जोन में 119 फीसदी, जोधपुर में 115 फीसदी, कोटा में 120 फीसदी यात्रीभार, सीकर में 123 फीसदी, उदयपुर जोन में 109 फीसदी रहा है.
52 में से 2 डिपो ही ऐसे जिनमें 100 फीसदी से कम यात्रीभार रहा.राजस्थान रोडवेज प्रशासन की इस सख्ती का असर अब फील्ड में दिख रहा है और इसी वजह से रोडवेज बसों में यात्रीभार बढ़ा है और आय में भी बढ़ोतरी दिख रही है. रोडवेज प्रशासन का मानना है कि यदि आगामी दिनों में भी यदि रोडवेज बसों से आय 4589 पैसे प्रति किमी से अधिक रहे तो रोडवेज के घाटे पर काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा.